Breaking News
BigRoz Big Roz
Home / Breaking News / क्या रावण की पूजा करनी चाहिए और दशहरे पर क्या करें,जिससे हो अपनी कमियों रूपी राक्षस पर विजय पा कर सुधार करें और अपने मन पर हो अधिकार,,

क्या रावण की पूजा करनी चाहिए और दशहरे पर क्या करें,जिससे हो अपनी कमियों रूपी राक्षस पर विजय पा कर सुधार करें और अपने मन पर हो अधिकार,,

बता रहें है स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी,,,

दशहरे के अर्थ है-दश यानी जिसके दस सिर हो और हरा यानी उसे हराया हो यो रावण का नाम दशानन था और उसे दशवें दिन पराजित करने ओर मृत्यु मिलने के कारण उस दसवें दिवस को दशानन के नाम से दशहरा कहते ओर विजय दशमी नाम से भारत भर में धूमधाम से मनाते है।
रावण की पूजा नहीं करनी चाहिए।चाहे कितने तर्क दें कि,वो ब्राह्मण था,दसों विद्या का ज्ञाता ओर चार वेदों आदि का महापंडित था और शिव भक्त था उसने अद्धभुत शिवतांडव स्त्रोत्र रचा जो संसार भर में प्रसिद्ध है।
पूजा किसकी होती है,पहले वो जाने।पूजा व्यक्ति विशेष की नहीं होती है,बल्कि उसके शुभ कर्मों की होती है,वो शुभ कर्म ही धर्म आचरण की पराकाष्ठा होने पर समाज के कल्याण का मार्ग दिखा कर लोगों को सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा देते है।यही व्यक्ति का सदाचरण ही उसके शुभ कर्मों बन कर उसकी पूजा कराता है।जैसे भगवान राम और उनके सभी सहचरों भक्तो की भी पूजा होती है।
रावण का कोई भी आचरण शुद्धि भरा समाज सुधारक ओर प्रेरणादायक नहीं था।तभी उसे सदा सर्वत्र पराजय मिली थी।कभी बाली से तो कभी हनुमान जी से।ऐसी अनेक कथाएं है।
उसकी सारी विद्धवता केवल अपने हित को साधने में थी और वो विद्या ही क्या,जिसका अंतिम फल अहंकार हो।जो अपने साथ पूरे समाज का विनाश कर दें।वो भक्ति ही क्या,जो भक्त बनने के स्थान पर विभक्ति करा दें।यो रावण की पूजा करनी स्वयं में एक पापाचरण ही है।
क्या करें शुभ कर्मों की प्राप्ति के लिए:-
जैसा कि सदा सभी धर्मों ओर उनके शास्त्रों में अपनी अपनी भाषा मे लिखा है कि,ईश्वर की शुभ शक्ति प्राप्ति ओर अपने पाप कर्मों की शुद्धि करके पुण्यबल की प्राप्ति के लिये-तीन कर्म है।

!!सेवा तप और दान!!
!!करें सदा कल्याण!!

यो हर पवित्र दिवस पर अपने पूजाघर में अखण्ड ज्योति जलाएं ओर अधिक से अधिक अपने गुरु मंत्र और इष्ट मन्त्र का जप करे और योग क्रिया करें और किसी भी मन्दिर में या गुरु स्थान पर जाकर सेवा सफाई करें और जो बने अधिक से अधिक दान करें।
जीवो को सप्ताह में अवश्य ही कोई एक दिन खूब पेट भर चारा या जो उनका भोजन हो,वो प्रेम से खाना खिलाएं।

यही पुण्यबल बनकर आपकी सदा सद्बुद्धि देकर सभी ओर से जीवन भर कल्याण करता है।

25 रविवार अक्टूबर 2020 दशहरे का शुभ मुहूर्त:-

दसरा विजय मुहूर्त: – दोपहर 2 बजकर 05 मिनट से दोपहर 02 बजकर 52 मिनट तक है।

दशमी तिथि प्रारम्भ: – सुबह 07 बजकर 41 मिनट से (25 अक्टूबर 2020) होगी।

दशमी तिथि समाप्त: – अगले दिन सुबह 9 बजे तक (26 अक्टूबर 2020) है।

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
Www.satyasmeemission.org

Follow us :

Check Also

Mirzapur की Priyanshi Pandey का सच आया सामने, Social Media पर Viral होने के लिए की थी Auto वाले की बेरहमी से पिटाई?

Social Media पर एक Video काफी तेजी से Viral हो रहा है। वीडियो में एक …

Leave a Reply

error

Enjoy khabar 24 Express? Please spread the word :)

RSS
Follow by Email
YouTube
YouTube
Set Youtube Channel ID
Pinterest
Pinterest
fb-share-icon
LinkedIn
LinkedIn
Share
Instagram
Telegram
WhatsApp