बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने ली वीआरएस, चुनावी अखाड़े में हाथ आजमाएंगे डीजीपी

चुनावों में हाथ आजमाने के लिए एक बार फिर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने ले ली वीआरएस, इससे पहले 2009 में भी चुनावी अखाड़े में कूदने के लिए वीआरएस ली थी। लेकिन टिकट न मिलने पर उन्होंने इस्तीफा वापस लेने की अर्जी दी जिसे तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार ने मंजूर कर लिया था।
शराबबंदी और सुशांत सिंह राजपूत जैसे केसों से पूरे देश में सुर्खियों में आये बिहार पुलिस के महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। और इस्तीफा देने की वजह हैं बिहार चुनाव। गुप्तेश्वर पांडेय एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं।
यह पहली बार नहीं है जब वे सुर्खियों में रहे हों या अपनी मौजूदगी दर्ज कराई हो। पांडेय ने वीआरएस ले ली है। बतौर डीजीपी उनका कार्यकाल 28 फरवरी, 2021 तक था। लेकिन अचानक हुए इस घटनाक्रम को बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
1987 बैच के आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडेय बिहार के पुलिस महानिदेशक थे। उन्होंने पुलिस महकमे में कई पदों पर काम किया। वे अपनी नई पहलों के लिए जाने जाते हैं, जिसमें पुलिस का जनता के साथ दोस्ताना संबंध बनाना भी शुमार है। लेकिन इसी बीच सत्ता से नजदीकियां और लगाव इन सबके भी आरोप पांडेय पर लगते रहे।
प्रदेश के गृह विभाग ने मंगलवार देर शाम एक अधिसूचना के जरिए बताया कि राज्य सरकार की संस्तुति पर राज्यपाल ने पांडेय की वीआरएस के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। खास बात यह रही कि वीआरएस के लिए तीन महीने के पूर्व आवेदन देने के नियम से भी पांडेय को छूट मिल गई। इसके साथ ही राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक जितेंद्र कुमार ने बताया कि भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और वर्तमान में प्रदेश में नागरिक सुरक्षा और अग्निशमन सेवा के डीजी के पद पर तैनात संजीव कुमार सिंघल को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
हाल में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में गुप्तेश्वर पांडेय ने पूरा राजनीतिक रुख अपनाया था, वे एक डीजीपी की तरह नहीं बल्कि नेता की ही तरह महाराष्ट्र सरकार पर हमले बोलते नज़र आये थे।
लंबे समय से उनके वीआरएस की अटकलें चल रही थीं। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने गृह जिले बक्सर का दौरा किया था।
यह पहली बार नहीं जब सियासी पारी के लिए पांडेय ने आईपीएस की नौकरी छोड़ी है। इससे पूर्व 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भी उन्होंने इस्तीफा दिया था। तब वह भाजपा के टिकट पर बिहार की बक्सर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। पांडेय को इस बात का पूरा भरोसा था बक्सर से भाजपा के तत्कालीन सांसद लालमुनि चौबे को पार्टी दोबारा टिकट नहीं देगी। लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी तब फिर गया जब पार्टी ने लालमुनि चौबे को बक्सर से फिर से प्रत्याशी बना दिया था।
राजनीतिक आगाज से पहले ही उनके अरमानों पर पानी फिर गया था। हालांकि टिकट न मिलने पर उन्होंने इस्तीफा वापस लेने की अर्जी दी जिसे तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंजूर कर लिया। नौ महीनों के बाद वह फिर से पुलिस सेवा में बहाल हो गए थे। पांडेय ने 2009 में जब वीआरएस लिया था तब वो आईजी थे और 2019 में उन्हें बिहार का डीजीपी बनाया गया।
गुप्तेश्वर पांडेय ने अब जब एक बार फिर वीआरएस के लिए आवेदन किया तो उसे फौरन मंजूरी मिल गई। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि पांडेय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने के लिए यह कदम उठाया है। अब वह जल्द ही विधिवत रूप से राजनीतिक पारी शुरू करने का एलान कर सकते हैं। माना जा रहा है कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
बताया जा रहा है कि बिहार सरकार ने गुप्तेश्वर पांडेय का वीआरएस का आवेदन केंद्र को मंगलवार की शाम को ही भेजा था। उनके इस्तीफे और वीआरएस की खबर पिछले कई दिनों से चर्चा में थी। हाल ही में उन्होंने अपने गृह जिले बक्सर का दौरा किया था। यहां उन्होंने जिला जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष से भी मुलाकात की थी।
रिपोर्ट रानी गजभिये : खबर 24 एक्सप्रेस
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