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बता दें कि बनारस में इससे पहले शालनी यादव को अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन तेज़ बहादुर को मिल रहे समर्थन को देखते हुए अंतिम वक़्त में महागठबंधन ने अपना प्रत्याशी बदल दिया। तेज़ बहादुर को कांग्रेस और महागठबंधन ने समर्थन नहीं किया था इससे इन सभी पार्टियों की आलोचना भी हो रही थी। लोगों का मानना था कि मोदी, सेना के नाम पर वोट मांग सकते हैं, देशभक्ति के नाम पर चुनाव लड़ सकते हैं तो क्या महागठबंधन या कांग्रेस सेना के जवान तेज़ बहादुर को अपना समर्थन नहीं दे सकती?
कहावत हैं …. देर आये दुरुस्त आये। अंत भला तो सब भला।
भले देर से सोचा हो लेकिन फैसला अच्छा है, पीएम के खिलाफ तेज़ बहादुर को समर्थन देकर मोदी की थोड़ी मुश्किलें जरूर बढ़ जाएंगी लेकिन उनके जीतने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी, यह कहा जा सकता है कि पीएम के वोट जरूर कम हो जाएंगे। यानि उनकी जीत का अन्तर जरूर कम हो सकता है।
और यदि तेज़ बहादुर के पक्ष में कोई चमत्कार हो गया तो कुछ कह नहीं सकते बाकी मोदी बनारस आराम से जीत रहे हैं।
काफी सस्पेंस के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सपा बसपा गठबंधन ने अपना प्रत्याशी बदल दिया है। सोमवार को सपा की पूर्व घोषित प्रत्याशी शालिनी यादव और बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने सपा प्रत्याशी के तौर पर पर्चा भरा।
बाद में पार्टी ने स्पष्ट किया कि तेज बहादुर यादव पीएम मोदी के खिलाफ उनके प्रत्याशी होंगे और शालिनी यादव बाद में अपना नामांकन वापस लेंगी। इससे पहले सपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव के साथ पर्चा दाखिल कराने पहुंचे।
धूपचंडी ने कहा कि पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी में बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव एसपी के प्रत्याशी होंगे। धूपचंडी ने कहा कि सपा की अब तक घोषित प्रत्याशी शालिनी यादव अपना नामांकन पत्र वापस ले लेंगी।
तेजबहादुर इसके पहले भी निर्दल नामांकन कर चुके हैं। तेजबहादुर ने टिकट के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात भी की है।
जब शालिनी यादव नामांकन करने के लिए कलक्ट्रेट में जुलूस लेकर पहुंचीं, उसी समय धूपचंडी बीएसएफ के बर्खास्त जवान को लेकर नामांकन का एक सेट और दाखिल कराने पहुंच गए। दोनों प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिल किया है।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार अगर समाजवादी पार्टी तेज बहादुर पर दांव लगाती है तो इसके जरिए वह भाजपा को घेरेगी। सपा तेज बहादुर की बर्खास्तगी के मुद्दे को उठाएगी। बता दें कि शालिनी यादव पहले पहले कांग्रेस में थीं और वाराणसी में मेयर के चुनाव में उन्हें 1. 13 लाख वोट मिले थे।
कांग्रेस ने यह से अजय राय को अपना प्रत्याशी बनाया है।
लेकिन जो भी हो, अब बनारस का मुकाबला दिलचस्प हो चला है।
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रिपोर्ट: कृष्ण कुमार गोयल
ब्यूरो चीफ : उत्तर प्रदेश