
आप सभी ने चाय के अनेक फायदे सुने होंगे, चाय पर अनेक चर्चाएं सुनी होंगी। राजनीति से लेकर कामगारों की चाय की दुकानों पर चुश्किया और चर्चाएं देखी सुनी होंगी लेकिन सद्गुरु स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज की चाय पर अनौखी चर्चा और कविता न सुनी होगी न देखी होगी। तो सद्गुरु स्वामी सत्येन्द्र जी की चाय पर उनकी बेहतरीन कविता का आनद लें।
चाय तीन शब्द बनी
चाह ए मिठास,आग और याद।
मिल बैठे ये दीवाने तीन
जिंदगी फिर होती आबाद।।
चाय चाह की चाहत है
चाय आह की राहत है।
कोई मिले बिछड़े या नहीं
चाय वाह बन खुद की मसाहत है।।
चीनी हो या शक्कर
या फिर हो फीकी।
परवाह नहीं दूध बिन दूध
बस हो पानी पत्ती कड़वाहट तीख़ी।।
थकान मिट जाती दी जमाने
खिल उठता चेहरा कुम्हलाया।
नजरअंदाज हो जाते दिखते सब
ज्यों चाय प्याला सामने आया।।
कुल्हड़ प्याला गिलास
ओर घाली प्लेट में चाय।
अंदाज सभी मे अलग अलग
पीने का स्वाद अदा ए चाय।।
भट्टी की चाय पी कुल्हड़
सुड़प की चुस्की होंठ आवाज।
बुरा लगे चाहे नहीं परवाह
कर इंतजार मंजिल ए आगाज़।।
खुद से बनाने का मजा ओर
पीने का भी ओर के हाथ से।
मुलाकात भी ओर नजरें मिलकर
ओर खत्म भी चाय के साथ से।।
गॉर्डन में बैठकर सुक़ून से
चाहे कुर्सी ले आराम।
चुस्की भर भर चाय की
हर घूंट मिटाए कोहराम।।
चाय कोई नशा नहीं
ये बिचौलिया खुद की संगत है।
मिट कर एक एक बूंद खुद
छोड़ जाती दे खुद ए रंगत है।।
पियो इसे जल्दी या देर से
कर ठंडी या फूंक मार।
मर्जी तुम्हारी ये बजाती हुक़्म बस
रंजो ग़म दे संग जीत या हार।।
मेरी तो यही साथी है चाय
ओर हर सोच की सुलझन।
यही तो एक है अनेक बन
मिटाती उनकी दी सभी उलझन।।
ये बिन कहे कहती है लबो को छू
छोड़ दो जो छोड़ गए तुम्हे।
मुझे बना,मिलो तो जरा नज़ाकत से
भुला दूंगी, दे रंगत मिट अपनी तुम्हें।।
🌹🌹😘☕😋🌹🌹
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
Www.satyasmeemission.org
वैसे चाय का अंतर्राष्टीय दिवस 15 दिसम्बर को है।पर मेरे लिए रोज ही ये दिवस चाय के साथ मनता है।ओर जब कविता सुबह डाली तो अनेक कथित भक्तो ने उसे न पढ़कर केवल अपने अपने मनोरथ लिखने शुरू कर दिए,ओर तो ओर वे सब फर्जी भक्त वे है,जिनके बारे में पहले भी कह चुका हूं,की न उन्होंने अपने वाट्सएप स्टेटस पर गुरु मंत्र लिखा,न वीडियो लाईक व कमेंट की,जब कहा तब जरा सा असर पड़ा,वो भी मतलब को😀😀
इनके लिए अर्ज है कि..
क्या लुत्फ लेंगे,जिंदगी का ये
जो देखते नहीं खुद को आईने में।
बस निहारते है ऐब खुद के छिपाने को
जीने का अंदाज जानते नही सही मायने में।।
इन जैसे भक्तो के लिए एक ओर अर्ज है कि..
मुंड मेरा भी बिगाड़ दिया सुबह सुबह
लुत्फ भी न लेने देते मजा चाय का।
मनहूसियत का पल्ला पकड़े जागते है
ओर सोते भी है पकड़े दामन आह का।।
😏😏😏😏😏😏😏😏
अब दोबारा ☕ पीकर मुंड बनाता हूँ😀🌹
यह भी देखें
सद्गुरु स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज
Discover more from Khabar 24 Express Indias Leading News Network, Khabar 24 Express Live TV shows, Latest News, Breaking News in Hindi, Daily News, News Headlines
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
Jay satya om aiddhaye namah.🙏 aa0ki chai k 2 ghaanth se hie pet bhr jata h lekin niyat nhi bharti.. aap ye chai ka prasad hme yuhi isi trh dete rehna..