हम बात कर रहे हैं गौतमबुद्ध नगर के सांसद, कैलाश हॉस्पिटल के मालिक, व केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा की। डॉ महेश शर्मा काफिला लेकर निकले तो थे चुनाव प्रचार करने, गांव वालों के सुख दुःख जानने, लेकिन 5 साल के दौरान एक भी बार न दिखने वाले अपने सांसद के प्रति लोगों का गुस्सा उबाल मार रहा था और वे इंतजार में बैठे थे कि जैसे ही माननीय आएंगे उन्हें सबक सिखाया जाएगा।
गांव वालों की नाराजगी भी जायज़ थी। महेश शर्मा पहली बार जीतकर मंत्री बनें। लेकिन लोगों के सुख दुख जानने के लिए वो कभी वापस नहीं आएं, लोग अपनी परेशानियां लेकर जाएं भी तो जाएं कहाँ?
डॉ महेश शर्मा चुनाव प्रचार के लिए अपने संसदीय क्षेत्र के मिर्जापुर गांव से चुनाव प्रचार करते हुए निकल रहे थे कि तभी लोग इकट्ठा हो गए, डॉ शर्मा कुछ समझ पाते लोगों ने महेश शर्मा हाय-हाय के नारे लगाने शुरू कर दिए, भाजपा मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। सांसद मोहदया को काले झंडे दिखाए गए, इतना ही नहीं… ग्रामीण उनकी गाड़ियों की तरफ दौड़ पड़े। जैसे-तैसे महेश शर्मा बच बचाकर निकले।
गांव वालों ने आरोप लगाया कि जब से महेश शर्मा सांसद बनें हैं उन्होंने एक भी बार गांव वालों को सुध नहीं ली। इतना ही नहीं जब भी वे परेशानी में सासंद महोदय को खोजने जाते थे वे उनसे मिलते ही नहीं थे।
गांव वालों ने आरोप लगाया कि नोएडा अथॉरटी ने अवैध रूप से उनके घर तोड़ दिए, उनकी जमीन छीन ली, लेकिन सांसद और मंत्री महोदय को इतनी फुरसत न मिली कि वे उनके दुःख को समझ सके, तो उन्हें ऐसा नेता नहीं चाहिए।
सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से फैल रही है। लोग व्हाट्सएप ग्रुप्स पर इसको शेयर कर रहे हैं। इधर मीडिया में डॉ. महेशा शर्मा का गौतमबुद्ध नगर से टिकट कटने की अटकलों के साथ खबर प्रकाशित होने लगी हैं।
राजनाथ सिंह का गौतमबुद्ध नगर से और डॉ. महेश शर्मा का अलवर राजस्थान से लड़ने की खबरें आ रही हैं।
लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद भाजपा इसकी तैयारियों में जुट गई है। इसी सिलसिले में गौतमबुध्द नगर से सांसद और केन्द्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा बुधवार को मिर्जापुर में चुनावी दौरे पर गए थे। इस दौरान उन्हें ऐसे हालात का सामना करना पड़ा जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। उनके दौरे के दौरान लगभग 10 गांव के लोगों ने इकट्ठा होकर उनका जम कर विरोध किया। इन लोगों ने डॉक्टर महेश शर्मा को गांव में घुसने तक नहीं दिया और गांव की सीमा से ही दौड़ाकर भगा दिया। इस दौरान नाराज लोगों ने विरोध के नारे लगाए और काले झंडे भी दिखाए। इससे नाराज डॉ महेश ने एक अन्य नुक्कड़ सभा में जमकर अपनी भड़ास निकली और लोगों को अशब्द कहे।
केंदीय पर्यटन और सस्कृति मंत्री महेश शर्मा का विरोध कर रहे उनकी संसदीय क्षेत्र मिर्जापुर और आसपास के लोगों का कहना है कि वे जब से सांसद बने हैं। किसी गांव का दौरा नहीं किया है और न ही किसी गांव में विकास का काम ही कराया। इसको देखते हुए लोगों में भारी गुस्सा था। इसीलिए उनके दौरे के मौके पर ग्राम मिर्जापुर में आसपास के लगभग 10 गांव के लोगों ने इकट्ठा होकर महेश शर्मा का विरोध किया। इन लोगों ने डॉक्टर महेश शर्मा को गांव में घुसने नहीं दिया और गांव की सीमा से ही दौड़ा-दौड़ाकर भगा दिया और विरोध के नारे लगाए और काले झंडे भी दिखाए।