ये मोदी सरकार को हो क्या गया है? सुप्रीम कोर्ट को क्या सरकार ने मूर्खों का जमावड़ा समझ लिया है?या ये समझ कर चल रहे हैं कि हम और सिर्फ हम सही, बाकी जाएं चूल्हे-भाड़ में?
पहले, राफेल सौदे के मामले में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बंद लिफाफे में जानकारी दी कि CAG ने भी सौदे को सही बताया है।इसी आधार पर कोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला भी दे दिया।बाद में खुलासा हुआ कि CAG ने तो कोई रिपोर्ट ही नहीं दी है।तब सरकार की ओर से बताया गया कि दरअसल सुप्रीम कोर्ट को दी गई रिपोर्ट में टाइपिंग की भूल (typing error) हो गई थी।
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… और अब ताजा-तरीन विस्फोट!
राफेल पर ही एक याचिका पर सुनवाई के दौरान विगत बुधवार को भारत के अटार्नी जनरल के के वेनुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि याचिका कर्ता वस्तुतः रक्षा मंत्रालय से “चोरी” हो गये राफेल के कागजात से उल्लेख कर रहे हैं जो गोपनीयता के कानून का उल्लंघन है ।वेनुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को ये भी बताया कि ‘चोरी ‘की जांच भी हो रही है ।वेनुगोपाल के शब्द थे,
उन्होंने साफ-साफ ‘चोरी ‘और ‘चोरी की जाँच ‘की बात कही।
राफेल के कागजात की रक्षा मंत्रालय से चोरी की बात ने जब तूल पकड़ा,पूरे देश में आक्रोश फैल गया,लोग संदेह प्रकट करने लगे,स्वयं चौकीदार को कटघरे में खड़ा किया जाने लगा,तब शुक्रवार को अटार्नी जनरल वेनुगोपाल ने कहा कि,”…नहीं, कागजात चोरी नहीं हुए हैं, दूसरे पक्ष के पास फोटो कॉपी है।”
भारत के महान अटार्नी जनरल बतायेंगे कि किस शब्दकोश में stolen और theft का अर्थ ‘चोरी’ की जगह कुछ और लिखा है?
देश हैरान है कि भारत के अटार्नी जरनल को ऐसे सरल शब्दों के अर्थ की जानकारी कैसे नहीं? साफ है कि उनसे जबरन झूठ बोलवाया गया, बोलवाया जा रहा है ।
पूरे प्रकरण का सर्वथा दु:खद पहलू ये कि भारत की मौजूदा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भी ठेंगे पर रख छोड़ा प्रतीत हो रहा है!
वरिष्ठ पत्रकार श्री एसएन विनोद
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