11 गांव में दूषित पानी के कारण जमीन छोड़ने को तैयार किसान
मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले की उद्योग नगरी पीलूखेड़ी में संचालित होने वाली फैक्ट्रियों से निकलने वाले दुषित पानी और धूएं के कारण इस क्षेत्र के आसपास लगे करीब 11 गांवों के किसानों की फसलें खराब हो रही है। इतना ही नहीं इस क्षेत्र के लोगों के पास पीने का पानी तक नहीं बचा है।
हर साल खराब हो रही फसलों और प्रदूषण से परेशान किसान अब अपनी जमीन तक बेचने काे मजबूर है। इन फैक्ट्रियों से निकलने वाली गन्दगी से न केवल वातावरण प्रदूषित हो रहा है बल्कि इनसे निकलने वाले कचरे के कारण नदी हो या फिर आसपास के जलस्रोत उनका पानी भी दूषित हो रहा है। फैक्ट्रियों से फैलने वाले प्रदूषण का सबसे ज्यादा नुकसान पीलूखेड़ी और गीलाखेड़ी के किसानों को भुगतना पड़ रहा है, लेकिन जब भी प्रदूषण बोर्ड की टीम यहां आती है तो वो पीड़ितों से कभी चर्चा नहीं करती। किसान इस समस्या को लेकर कई बार सीएम हेल्पलाइन व जनसुनवाई में कलेक्टर से लेकर आला अधिकारियों को शिकायत कर चुके है। लेकिन किसी भी प्रकार का हल नहीं निकल पाया।
किसानों ने आरोप लगाया कि जो अधिकारी आते है वे किसानों से बिना मिले फैक्ट्रियों में चले जाते हैं और वहां निरक्षण करके अपनी रिपोर्ट भेज देते है।
किसानों की इस समस्या को कई बार पूर्व विधायक गिरिश भंडारी व पूर्व विधायक मोहन शर्मा भी बोर्ड के सामने रख चुके है। किसानों ने बताया कि फेक्ट्रियों से निकल रहा पानी रिसकर किसानों की कुओं और फसलों तक पहुंच रहा है। वहीं ऊपर से उड़ने वाले केमिकल युक्त धूएं के कारण फसलें समय से पहले ही पीली पड़ने लगी हैं जबकि उनमें दाने तक नहीं आए है। इसके साथ ही कई पेड़ सूख चुके है तो कई पेड़ों के पत्ते तक खराब होने लगे हैं। किसान मूरली बाई ने बताया कि वे सोयाबीन, चना मसूर, लहसुन की फसलें तक उगा ही नहीं पा रही हैं। वहीं अब धान की फसल भी खराब हो चुकी है। किसानों का कहना है कि हम सब तरह से तैयार है चाहे वे मुहावजा दे या फिर इस जमीन को खरीद लें। किसानों ने बताया कि पानी से होने वाली खुजली के कारण फसलों के पास भी नहीं जा पाते।
बीयर फैक्ट्री से जो पानी निकलता है उससे कुएं का पानी तक खराब हो गया है। ग्रमीण शिकायतें कई बार कर चुके। लेकिन कोई हल नहीं निकलता। पानी पूरी तरह से जहरीला हो चुका है।
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Rajgarh (MP) : Khabar 24 Express