“कर्नाटक की राजनीति में बड़ी उथल-पुथल चल रही है। कभी कांग्रेस के खेमें में तो कभी भाजपा के खेमें में जबरदस्त हलचल है। दोनों ही पार्टियों के नाराज विधायक एक दूसरे की पार्टी से संपर्क स्थापित कर रहे हैं, जो दोनों पार्टियों के लिए गले की हड्डी बन रहा है।”
अभी हाल ही में कर्नाटक में सरकार के अस्थिर होने की खबरें मीडिया में आने लगी थीं। बताया जा रहा था कि कांग्रेस के तीन विधायक मुम्बई से लापता हैं। तो वहीं भाजपा ने अपने सभी विधायकों को गुरुग्राम में ठहराया था।
दोनों ही पार्टियों में विधायकों की नाराजगी जग जाहिर है। उधर कांग्रेस के कुछ विधायक भाजपा के संपर्क में आ गए थे जिसके बाद कांग्रेसी खेमें में हंगामा मच गया था। इसके बाद खबरें आने लगी कि भाजपा के 7 विधायक कांग्रेस से संपर्क साध रहे हैं मतलब कांग्रेस के तीन तो भाजपा के 7 टूटते।
इसके बाद दोनों ही पार्टियों ने एक दूसरे पर विधायकों को तोड़ने का आरोप मढ़ दिया।
लेकिन भाजपा का ज्यादा नुकसान होने की संभावना थी जिसके बाद बीजेपी ने पीछे हटना ही मुनासिब समझा और कांग्रेस के तीनों विधायकों को अपने पाले में लाने से मना कर दिया जिसके बाद तीनों विधायक वापस अपनी पार्टी में आ गए।
लेकिन सूत्रों के मुताबिक भाजपा के 7 विधायक अब भी कांग्रेस के संपर्क में हैं।
बता दें कि कांग्रेस विधायक दल की शुक्रवार को यहां होने वाली विधायक दल की अहम बैठक से पहले कई कांग्रेस विधायक पार्टी में लौट आए जिससे एचडी कुमारस्वामी नीत गठबंधन सरकार के लिए संकट के टलने की उम्मीद जगी है। इन विधायकों पर कथित तौर पर भाजपा की नजर थी। कांग्रेस ने पार्टी के अंदर असंतोष थामने की कोशिश तेज कर दी हैं। उधर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा यहां पहुंचे और उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सरकार को गिराने के किसी भी अभियान में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के विधायक भी गुरुग्राम से लौट रहे हैं जहां वे कुछ दिनों से ठहरे हुए थे।
सरकार को अस्थिर करने की ‘व्यर्थ कोशिश’ करने को लेकर भाजपा पर हमला करते हुए कुमारस्वामी ने उसपर अपने विधायकों को गुरूग्राम के एक होटल में ‘बंधक बना कर’ रखने का आरोप लगाया। सरकार गठन के अपने प्रयास के तहत कांग्रेस विधायकों को फुसलाने की भाजपा की कथित कोशिशों की खबरों से पैदा राजनीतिक उथल-पुथल से जूझ रहे कुमारस्वामी ने भगवा पार्टी के इस आरोप को खारिज कर दिया कि वह भाजपा विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। शुक्रवार की कांग्रेस विधायक दल की बैठक को सरकार गिराने की भाजपा की कथित कोशिश के जवाब में कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है। सत्तारुढ़ गठबंधन ने कहा है कि भाजपा की कोशिश विफल रही है।
कांग्रेस विधायकों को जारी नोटिस विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने चेतावनी दी कि शुक्रवार की बैठक में विधायकों की गैर-मौजूदगी को गंभीरता से लिया जाएगा। सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘मैं आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं कि आपकी गैर हाजिरी को गंभीरता से लिया जाएगा और यह माना जाएगा कि आपने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिकता सदस्यता स्वेच्छा से छोड़ने का फैसला कर लिया है।’’ उन्होंने कहा कि ऐसे में दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। हुबली में सिद्धरमैया ने दावा किया कि पार्टी के सभी विधायक सीएलपी की बैठक में आयेंगे।