
“नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान जाने पर उन्हें आतंकवादी बताने वालों के मुंह पर जोरदार तमाचा है यह वीडियो, आप खुद इस वीडियो को देखकर फैसला करें, सिद्धू गलत हैं या सिद्धू को बताने वाले?”
बता दें कि 28 नवंबर को इस कॉरिडोर के उद्घाटन के मौके पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत को इसका निमंत्रण दिया था। भारत सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर और हरदीप पुरी और साथ पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू आधारशिला समारोह के लिए पाकिस्तान गए थे। बता दें कि मोदी सरकार के जो दोनों मंत्री सिद्धु में साथ पाकिस्तान गए थे दोनों सिख समुदाय के हैं।
“हम सिद्धू के पाकिस्तान जाने वाले बवाल पर बात करें, इससे पहले बताते हैं कि क्या है यह कॉरिडोर? और क्यों है अहम?”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22 नवंबर को 2019 में गुरु नानक की 550वीं जयंती से पहले पाकिस्तान के साथ लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पंजाब के गुरदासपुर जिले से एक गलियारा बनाने का फैसला लिया था। यह कॉरिडोर भारत और पाकिस्तान के संबंधों में खटास को दूर करने में भी एक अहम भूमिका निभा सकता है।
करतारपुर साहिब वह जगह है, जहां 1539 में गुरु नानक जी के निधन के बाद इस पवित्र जगह पर गुरुद्वारे का निर्माण कराया गया था। यह पाकिस्तान में रावी नदी के नजदीक स्थित है। यह भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से चार किलोमीटर दूर है।
गुरुनानक ने अपने जीवन के अंतिम 18 साल इसी स्थान पर बिताए थे। अगस्त 1947 में विभाजन के बाद यह गुरुद्वारा पाकिस्तान के हिस्से में चला गया था। लेकिन सिख धर्म और ऐतिहासिक महत्व के कारण इस गलियारे की मांग लंबे समय से की जा रही थी।
अब बात आती है सिद्धू के पाकिस्तान जाने पर मचे बवाल को लेकर :
सबसे पहली बात सिद्धू खुद भी सिख समुदाय से आते हैं। साथ ही सिद्धू पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं। कॉरिडोर के उद्घाटन के मौके पर पाकिस्तान की तरफ से भारत सरकार, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व सिद्धू को निमंत्रण मिला, चूंकि इमरान खान खुद बड़े क्रिकेटर में से एक रहे हैं और वो सिद्धू के अच्छे मित्र भी माने जाते हैं तो सिद्धू ने पाकिस्तान जाने का फैसला लिया जिस पर पंजाब सरकार ने भी मोहर लगाई। लेकिन पाकिस्तान जाने वाले सिद्धू अकेले नहीं थे, सिद्धू के साथ केंद्र सरकार के दो मंत्री हरसिमरत कौर और हरदीप पुरी भी साथ गए थे।
लेकिन मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत 5 राज्यों में चुनावों की वजह से सिद्धू के पाकिस्तान जाने को भाजपा की आईटी सेल ने इस मुद्दे को चुनावी मदद के लिए भुनाना चाहा, इसके लिए आईटी सेल ने पूरी मेहनत भी की, सिद्धू की एक चुनावी सभा को उठाकर फर्जी आवाज में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगवाए इसके बाद सिद्धू के पाकिस्तान जाने पर बवाल मचवाया, जिसे सोशल मीडिया में जबरदस्त तरीके से शेयर किया गया। लोगों ने बिना सोचे समझे उन फेक वीडियो को शेयर किया और अभद्र भाषा का जमकर इस्तेमाल किया। यहां तक कि कई लोगों ने सिद्धू को आतंकवादी तक घोषित कर दिया। और साथ ही इस कॉरिडोर को पाकिस्तान की एक चाल बताया और सिद्धू को मोहरा। लेकिन वे लोग अपनी मर्यादा भूल गए, और इस बात को भी भूल गए कि सिद्धू अकेले पाकिस्तान नहीं गए थे, केंद्र सरकार के दो मंत्री भी साथ गए थे। साथ ही यह योजना मोदी सरकार की अहम योजनाओं में से एक थी क्योंकि 2019 के इलेक्शन नज़दीक हैं और 22 नवंबर 2019 में गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती भी है।
अब जब बवाल हो चुका है तो ऐसे में सिद्धू के पाकितान जाने और उनके भाषण देने का सारा सच सामने आ चुका है तो अब आप खुद फैसला करें कि देशद्रोही सिद्धू हैं या वे लोग जो सिद्धू को बेवजह फसाने के लिए फेक वीडियो का सहारा ले रहे हैं।
मनीष कुमार
+919654969006
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