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और चुनाव खत्म, नेताओं के चुनावी रंग के बाद अब पेट्रोल डीजल फिर से दिखाना शुर करेंगे अपना रंग, महँगाई का चुनावी उल्लू

 

 

 

 

“जैसे ही चुनाव नज़दीक आते हैं नेता जनता को बेवकूफ बनाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। चुनावों से कुछ दिन पहले से वो जनता को लुभाने के लिए हर तरीके अपनाते हैं। यकीन ना आये तो 5 राज्यों में हुए मतदान से कुछ महीने पहले की तस्वीर को अपने ज़हन में ले आइये। चुनाव कहीं भी हों उसका फायदा 1-2 महीने के लिए पूरे देश को मिलता है। और उसके बाद फिर शुर हो जाता है चुनावी महंगाई के उल्लू का कमाल।”

 

 

 

 

 

5 राज्यों में हुए चुनाव खत्म हो चुके हैं और 11 तारीख को यह स्पष्ट हो जाएगा कि इन 5 राज्यों में कौनसी पार्टी विजेता बन रही है और किसके सर ताज सज रहा है। इससे भले आपको कोई मतलब न हो लेकिन अनचाहे भी आपका मतलब निकल आता है।
आपको बता दें कि जिस राज्य में भी चुनाव की तारीखों का ऐलान होता है, पेट्रोल डीजल के दामों में वृद्धि रुक जाती है जिसका फायदा पूरे देश को होता है। और जैसे ही चुनाव खत्म होते हैं दाम बढ़ने शुरू हो जाते हैं। इस बार भी यही देखने को मिला। चुनावों से ठीक 1 महीने पहले पेट्रोल डीजल के दाम घटने शुरू हो गए भले वो 10-20 पैसे रोजाना घटने शुरू हुए हों, लेकिन घटे जरूर। जिसका फायदा पूरे देश के उपभोक्ताओं को हुआ।

 

 

लेकिन अब चुनाव खत्म हो चुके हैं और महंगे पेट्रोल डीजल का डोज एक बार फिर से मिलना शुरू होने वाला है।

 

 

बता दें कि पेट्रोल और डीजल के दाम एक बार फिरसे बढ़ सकते हैं। कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी होने की वजह से बुधवार को सरकार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने की घोषणा कर सकती है। अगर एक्साइज ड्यूटी बढ़ती है तो तेल के दामों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो जाएगी। इसके अलावा राज्य सरकारें भी वैट बढ़ा सकती हैं। ऐसा माना जा रहा है कि तेल की नई कीमतें गुरुवार से लागू की जा सकती हैं। तेल की कीमतों पर सरकार चुनाव नतीजे आने के बाद फैसला ले सकती है।

पांच राज्यों में हुए चुनाव के एग्जिट पोल ने बीजेपी को चिंता में डाल दिया है। वहीं अब तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा की 2019 लोकसभा चुनाव की राह इसकी वजह से मुश्किल हो सकती है। तेल एक्सपोर्ट करने वाले 14 बड़े देशों के समूह और 10 अन्य तेल उत्पादक देशों ने कच्चे तेल की गिरती कीमतों को थामने के मकसद से तेल उत्पादन में 1.2 मिलियन बैरल प्रतिदिन की कटौती का फैसला लिया है।

बता दें कि पांच विधानसभा चुनाओं के नतीजे मंगलवार को आने हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में कमी के बाद केंद्र सरकार ने भी पांच राज्यों के चुनाव से पहले बड़ी राहत दी थी। केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम में 2.5 रुपये की कमी की थी और राज्य सरकारों से भी 2.5 रुपये की कटौती करने को कहा था। इसके बाद कुछ राज्यों को छोड़कर लगभग सभी राज्यों में पेट्रोल और डीजल के दाम 5 रुपये तक कम हो गए थे। लेकिन अब कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी की वजह से सरकार तेल के दामों में बढ़ोतरी कर सकती है।

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