एमपी में एक भाजपा नेता के होटल से मतदान से ठीक एक दिन पहले चुनाव अधिकारी ईवीएम के साथ पकड़े गए, चुनावों के बाद 40 किलोमीटर के लिए ईवीएम मशीनों से भरी बस का 24 घंटे में पहुंचना इसके अलावा ईवीएम की दुनियाभर की शिकायतें मिलना, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल पैदा करता है। और अब राजस्थान के चुनावों में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। मतदान के दिन मशीनों में जमकर खराबी की सूचना आयी तो कहीं से भाजपा और एक अन्य पार्टी को गलत तरीके से वोट जाने की सूचना मिली।
इतना ही नहीं पाली में भाजपा प्रत्याशी के घर से ईवीएम पकड़ी गई, और बारां में ईवीएम सड़क पर पड़ी मिली। यह हाल है हमारे चुनाव आयोग का। हमारा चुनाव आयोग दम तो भरता है निष्पक्ष चुनावों का लेकिन जिस तरह की वीडियो वायरल हो रही हैं और शिकायतें मिल रही हैं उन्हें देख सुनने के बाद ईवीएम और चुनाव आयोग पर सवाल उठने लाज़मी हैं।
बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में बारां और पाली जिले में चुनाव के बाद ईवीएम को लेकर बरती गई लापरवाही पर चुनाव अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। बारां जिले में ईवीएम सड़क पर लावारिस पड़ी मिली। वहीं पाली जिले में भाजपा प्रत्याशी के घर में ईवीएम मिली।
बारां जिले में किशनगंज विधानसभा क्षेत्र के शाहबाद इलाके में एक ईवीएम सड़क पर पड़ी मिली। इस घटना के संबंध में दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। प्रशानस ने इन ईवीएम को किशनगंज में स्ट्रांगरूम में रख दिया है।
वहीं पाली जिले की घटना पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने शुक्रवार को पाली सीट के रिटर्निंग अधिकारी को हटाने का आदेश दिया है। भाजपा के एक उम्मीदवार के घर में कथित तौर पर ईवीएम पाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई।
इससे पहले दिन में निर्वाचन आयोग ने कहा था कि एक सेक्टर अधिकारी ईवीएम मशीन लेकर भाजपा उम्मीदवार के घर गया था जिसके बाद सेक्टर अधिकारी को हटा दिया गया और संबंधित ईवीएम को चुनाव प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया।
निर्वाचन आयोग ने पाली के रिटर्निंग अधिकारी महावीर को भी हटाने का आदेश दिया। वहीं जोधपुर के राकेश को कार्यभार संभालने का आदेश दिया गया।
भाजपा उम्मीदवार के घर में कथित तौर पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन रखे होने वाला वीडियो वायरल हो गया है।