27 सितम्बर भगत सिंह जन्मोउत्सव
उठो दीवानो आजादी के तुम
पर जागो अभी जगाओ।
भारत स्वतंत्र अवश्य हो गया
अभी स्वतंत्रता के नवअर्थ सजाओ।।
मत सोचना स्वतंत्र अर्थ ये
की अग्रेजों से पीछा छूटा।
अभी गद्दार छिपे भारत हैं
उन्हें उजागर करो सद्कर्म कर अनूठा।।
धर्म में छिपे अधर्मी भारी
राजनीती में विषैले नाग।
उन्हें ज्ञान से जान करो सब
देश भक्ति जला झोंक कर आग।।
वोट देना जात पात परे अब
सच देख समझ कर सर्व हित।
मुझे सदा संग अपने पाओ
मैं बसा हूँ ह्रदय तुम्हारे नित।।
जय हिन्द जय भारत
जय मेरे प्रिय चमन।
सदा मिलते रहेंगे यूँ ही
हम करके हर परतंत्रता का शमन।।
!! श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येंद्र जी महाराज द्धारा रचित कविता-सम्पूर्ण!!