आपको बता दें कि 27 अगस्त से मंगल मकर राशि में मार्गी होने जा रहा है, इससे मकर राशि वाले प्रभावित होंगे। साथ ही बाकी राशियों पर भी इसका असर पड़ने वाला है।
श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी मंगल के प्रभाव के बारे में बता रहे हैं साथ ही इससे बचने के उपाय भी आप स्वामी जी से जानेंगे।
मंगल ग्रह का 27 अगस्त से मिलने वाला अनेको राशियों को शुभ प्रभाव का फल:-
श्रावण माह की समाप्ती होते ही पृथ्वी पुत्र मंगल मकर राशि में मार्गी होने जा रहे है। मंगल मकर में केतु ग्रह के साथ बड़े समय तक रहे है। इसके चलते अनेक राशि वाले इस समय तक परेशान रहे है। एेसे कष्टकारी लोगों के जीवन में अब बड़ा बदलाव आने का समय प्रारम्भ होने वाला है, क्योंकि मंगल ग्रह रक्षाबंधन या राखी के अगले दिन 27 अगस्त 2018 को वक्री से मार्गी होने जा रहे है। मंगल के वक्री होने से राशियों पर होने वाले प्रभाव के बारे में बता रहे है-स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी-
27 अगस्त 2018 सोमवार साय 7 बजकर 36 मिनट पर मंगल मकर राशि में वक्री होंगे। इनके वक्री होने से अब तक केतु का जो दुष्य प्रभाव था, वो समाप्त होगा। क्योकि इस समय मंगल ग्रह केतु के साथ मकर राशि में आये है। मंगल के इस तरह से वक्री से मार्गी होने से सभी 12 राशियों के जीवन में बड़ा शुभ प्रभाव होगा।
मेष राशि पर प्रभाव:-
इस राशि का स्वामी स्वयं मंगल है, इसलिए मंगल के मकर राशि में मार्गी होने से सबसे अधिक लाभ इसी राशि को होगा।अब चल रहीं परेशानियों का अंत होगा और जिस कार्य में अधिक मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिल पा रही थी। उसमे सफल होंगे।पराक्रम में वृद्धि होगी। नौकरी वालो के लिए यह समय शुभ रहेगा।परिवार में कोई मंगल कार्य होगा।पर यात्रा में सावधानी बरतें।दवाई नियमित खाएं।
वृषभ राशि पर प्रभाव:-
इस राशि का स्वामी शुक्र है। शुक्र मंगल का मित्र है।इस राशि को धन के नए रास्ते खुलेंगे। इसके अलावा पराक्रम सहित नवीन मित्रता में वृद्धि होगी। प्रमोशन और तबादले के योग है। परिवार में छोटे बच्चों में सफलता सहित सुख शान्ति बनी रहेगी। इन लोगों को खुश खबर मिलेगी। सेहत ठीक रहेगी।भोजन देख कर खाएं।सदूर यात्रा से बचें और देख कर करें।
मिथुन राशि पर प्रभाव:-
मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल का वर्की से मार्गी अवस्था में आना मंगल बुध योग शुभ समाचार दिलाएगा।चल रही आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलेगा। साथ ही धन लाभ के अनेक मौके प्राप्त होंगे। जमीन-जायदाद में निवेश करने से लाभ मिलेगा।यात्रा रहेंगी।और जीवन साथी का साथ कुछ तनाव सहित रहेगा।अपने सदगुणों और धार्मिकता के कार्य या अनुष्ठानों के करने में शीघ्र ही व्रद्धि करें।अन्यथा अचानक आप या सन्तान आदि को कष्ट सम्भव होगा।
कर्क राशि पर प्रभाव:-
कर्क राशि का स्वामी चंद्र है। चंद्र व मंगल मित्र है। चंद्र की राशि में मार्गी मंगल अधिकतर कल्पना और रोमांस भरा शुभ फल देगा। जीवनसाथी से लाभ होगा।प्रेम में गलतफेहमी से कुछ तनाव की वृद्धि होगी,यो थोड़ा संयम बरतें। भूमि से लाभ होगा। पुरानी प्रापर्टी को लेकर चल रही बाधा दूर होगी।स्त्री पक्ष को कष्ट सम्भव है।गप्त शुत्रु हानि का प्रयास करेंगें पर अनिष्ट नहीं होगा।
सिंह राशि पर प्रभाव:-
सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। सूर्य व मंगल आपस में अच्छे मित्र है। एेसे में सिंह राशि वालों को छठा मंगल गुप्त शत्रु से बचाव,ननसाल में कुछ कष्ट देगा और आपके रोगों का नाश करेगा।शरीर में थकन और आंख के रोग दूर होंगे व धर्म के कार्य में मन लगेगा और कठनाइयों पर विजयी मिलेगी। इसके अलावा ससुराल या फंसे धन के मिलने से भी धन का लाभ होगा।यात्रायें अपेक्षा से कम सफलता भरी होंगीं।मन में कुछ क्षोभ बढ़ेगा,पर नियंत्रण करने के स्थान पर उसे समझे और हल निकले,तो बड़ा लाभ मिलेगा।
कन्या राशि पर प्रभाव:-
इस राशि का स्वामी बुध है। मंगल की ये गति कन्या राशि वालों के लिए शुभ संकेत है। 27 अगस्त के बाद से इस राशि के जातकों को भाग्य का भरपूर साथ मिलना प्रारम्भ हो जाएगा।कुछ समय से जो रूका हुआ काम था, वो पूरा होगा। भौतिक सुख में आनन्द सहित लाभ मिलेगा। विदेश से या सदूर से कोई नया कार्य सम्बंधित अवसर मिल सकता है।यदि किसी कानूनी मसले में परेशानी में फंसे है। तो विजय आपके पक्ष में होने वाली है। ये मार्गी मंगल आपको आपके बड़े भाई या गुरु समान किसी मित्र या परिचित से जीवन को नई दिशा दिलवाएगा।वाहन किसी और के साथ बैठकर देख कर चलवाये।
तुला राशि वालों पर प्रभाव:-
इस राशि वालों का स्वामी शुक्र है। शुक्र व मंगल एक दूसरे को अच्छा लाभ पहुंचाते है। तुला राशि वालों को मकर राशि का मंगल नये कार्य या मकान या भूमि का लाभ देगा। इसके अलावा बड़ों और अधिकारी वर्ग सहित मित्रों का भी स्नेह मिलेगा।प्रेम में परिवतर्न होगा,यो उस और ध्यान रखें।सन्देश लिखते में शब्दों को फिर से पढ़ लें।
वृश्चिक राशि पर प्रभाव:-
मेष राशि के अलावा इस राशि का स्वामी भी मंगल होता है। मंगल का मार्गी होना,पहले की अपेक्षा शुभ समाचार प्राप्त कराएगा।किसी कार्य में निवेश से भारी धन लाभ होने के शुभ संकेत है। यह प्रॉपर्टी या व्यवसायिक जमीन से जुड़ा भी हो सकता है। जीवन साथी का भरपूर साथ मिलेगा। व्यापार में कुछ अच्छा लाभ मिलेगा।नवीन सोची कोई यात्रा नहीं करें।थोड़ा समझदारी से बोलकर बातें करें।
धनु राशि पर प्रभाव:-
धनु राशि का स्वामी गुरु है। गुरु व मंगल अच्छे मित्र है। एेसे में इस राशि को दूसरा मंगल मकर राशि में सामाजिक सफलता सहित धन का लाभ देगा। इसके अलावा धार्मिक कार्य और आनन्दित यात्रा होगी व परिजनों व् मित्रों से लाभ होगा। परिवार व् जीवन साथी के साथ सुखद समय बितेगा।प्रेम के सम्बन्ध में कुछ हट के अनुभव सम्भव है।प्राकृतिक विपदा से हानि सम्भव है।
मकर राशि पर प्रभाव:-
मकर राशि का स्वामी शनि है। लग्न में मार्गी मंगल प्रकृति और धार्मिकता के निकट लाएगा। परिवार में परिजनों से दुरी समाप्त कराकर प्रेम बढ़ाएगा। नए कारोबार में नई सोच से उस दिशा में लाभ होगा।अचानक कोई मित्र आपको अच्छी राय देकर या सहयोग देकर साहयता करेगा। इससे भविष्य के सुखद रास्ते बनेंगे।कागजों पर देख कर साइन करें।अचानक कोई दुखद समाचार मिल सकता है।
कुंभ राशि पर प्रभाव:-
कुंभ राशि का स्वामी शनि है। शनि की इस राशि से १२वां मंगल धन का अनावश्यक व्यय करवाएगा। इसके अलावा आपके पूर्व के शत्रु को आपके प्रति जागृत करेगा।आप कुछ अनावश्यक बातों से तनाव भरें,रहकर अपने मित्र और हितैषियों से कटे से हो जायेंगे यो व्यवहार बदले और पहल करें और उनसे सम्पर्क करें।तभी आनन्द आएगा। एेसे में ईश्वर और गुरु शरण में रहे तो लाभ होगा।पहले की अपेक्षा कुछ आय में वृद्धि सम्भव है।नवीन विचार से लाभ होगा।
मीन राशि पर प्रभाव:-
अचानक से आपको धनलाभ भी हो सकता है।पद प्रतिष्ठा और मान- सम्मान में वृद्धि होगी। पैतृक संपत्ति की वजह से जो भी पहले विवाद चल रहा है। वो लगभग खत्म होने के योग हैं। इसके अलावा नौकरी और व्यवसायिक लोगों के लिए समय अच्छा रहने वाला है।धार्मिक कार्य से अवश्य लाभ में व्रद्धि होगी।परिवार में कोई मंगल कार्य बनेगा।पर गुप्त अफवाहों से सावधान रहें।
मंगल के और भी शुभ फल प्राप्ति को उपाय करें:-मंगल को घर में अखण्ड ज्योति जलाएं और गुरु स्थान या मन्दिर में पूजा को अधिक घी का दान करें।गुड़ और रोटी का चूरमा बनाकर दूध में डालकर कुत्तो को दें।प्रत्येक मंगल को लाल कलावा कलाई में 9 लपेटे करके बांधे और अगले मंगल को उसे उतारकर बहते जल में डाले और नया कलावा बांधे। ऐसे चार मंगल तो करें ही।
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श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येंद्र जी महाराज
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः