जी हां सही सुना आपने?
क्या आपने कभी सोचा होगा कि देश के सबसे बड़े और अच्छे शिक्षण संस्थान IIT से पढ़ने के बाद लाखों रुपये महीने की सैलरी पाने वाले क्या कभी राजनीति में कदम रखेंगे? अभी तक की राजनीति सिर्फ गुंडे माफियाओं या कम पढ़े लिखों के लिए मानी गयी है। ऐसा नहीं है कि भारतीय नेता पढ़े लिखे नहीं होते, होते हैं। किन्तु संख्या बेहद कम है। और यह पहला मौका है जब किसी बड़े और टॉप के शिक्षण संस्थान से पढ़े लिखे नौजवान अपनी अपनी बढ़िया से बढ़िया नौकरी छोड़ राजनीति में प्रवेश कर रहे हों। वो भी एक दो नहीं बल्कि पूरे 50 नौजवान। ख़बर यह भी है कि इनके साथ कुछ और भी युवा जुड़ रहे हैं। इसके अलावा IIM जैसे शिक्षण संस्थान से भी इनके साथ युवा अपने कंधे से कंधा मिलाने के लोए तैयार हो रहे हैं।
बता दें कि देशभर की विभिन्न IIT के 50 पूर्व छात्रों ने अपनी नौकरी छोड़कर एक राजनीतिक पार्टी का गठन किया है। इनका मकसद अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारों के लिए संघर्ष करना है। इन्होंने अपने दल का नाम बहुजन आजाद पार्टी (बाप) रखा है।
वर्ष 2015 में IIT दिल्ली से ग्रेजुएट नवीन कुमार इस पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। उनका कहना है कि हम सभी अलग अलग IIT से पढ़े हुए हैं और अपनी नौकरी छोड़कर पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। हमने दल को मंजूरी के लिए चुनाव आयोग के पास आवेदन किया है। हालांकि उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया लेकिन उनका कहना है कि हम जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहते हैं। हम उच्च महत्वाकांक्षा वाला छोटा राजनीतिक दल नहीं बनना चाहते हैं। हम 2020 बिहार विधानसभा चुनाव से अपनी किस्मत आजमाएंगे और इसके बाद 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
इस दल में ज्यादातर सदस्य एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय से हैं। इनका मानना है कि शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में पिछड़ों वर्गों को उनका वाजिब हक नहीं मिला है। पार्टी ने बीआर आंबेडकर, सुभाष चंद्र बोस और एपीजे अब्दुल कलाम के पोस्टर लगाकर सोशल मीडिया पर प्रचार शुरू कर दिया है।
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ख़बर 24 एक्सप्रेस