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राफेल सौदे की जानकारी देने से मुकरी मोदी सरकार

 

 

“राफेल जेट के सौदे के बारे में जानकारी देने से मोदी सरकार मुकर गयी है। पहले रक्षा मंत्री सीतारमण ने कहा था कि हम सौदे के बारे में स्पष्ट जानकारी देंगे। लेकिन अब जब विपक्ष लगातर सौदे को लेकर तीखे हमले बोल रहा है ऐसे में मोदी सरकार ने समझौते में गोपनीयता का हवाला देते हुए मना कर दिया है।”

 

 

 

बता दें कि सरकार ने 58 हजार करोड़ के 36 राफेल जेट के सौदे के संबंध में विपक्ष के आरोपों को ‘निराधार’ बताया। लेकिन विपक्ष लगातार तीखे हमले बोल रहा है।
वहीं सरकार कह रही है कि इस संबंध में विवरण के खुलासे की मांग अव्यावहारिक है और ऐसा करना राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने के बराबर होगा।

सरकार की तरफ से कहा गया है कि राफेल सौदे के मूल्य और ब्योरे को सार्वजनिक किए जाने की मांग की जा रही है जो मुमकिन नहीं है। गोपनीयता की शर्तों के मुताबिक, यूपीए सरकार ने भी कई रक्षा सौदों का ब्योरा सार्वजनिक करने में असहमति जताई थी। संसद में पूछे गए सवालों पर भी यही रुख अपनाया था।

विपक्ष का आरोप है कि 570 करोड़ की डील को 1600 करोड़ तक ले जाना सरकार की किस मानसिकता को दर्शाता है। क्या यह एक घोटाला नहीं।
बता दें कि कांग्रेस जब राफेल का सौदा कर रही थी तब एक राफेल की कीमत 570 करोड़ रुपये थी जिसमें फ्रांस की कम्पनी टेक्नोलॉजी भी दे रही थी। लेकिन इस डील में सिर्फ राफेल दिए जा रहे हैं न टेक्नोलॉजी दी जा रही है और न ही रखरखाव की सुविधा। पहले इसकी टेक्नोलॉजी HAL को मिल रही थी और अब रिलायंस को मिल रही है।

 

 

“सरकार ने दावा किया कि राफेल विमान की मोटे तौर की लागत की जानकारी संसद को दी जा चुकी है। आइटम के लिहाज से लागत और अन्य सूचनाएं बताने पर वे सूचनाएं भी आम हो जाएंगी, जिनके तहत इन विमानों का कस्टमाइजेशन और वेपन सिस्टम से लैस किया जाएगा”

 

 

यह काम विशेष तौर पर मारक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। अगर इनका खुलासा हुआ तो सैन्य तैयारियों पर असर पड़ेगा। इस तरह ब्यौरे 2008 में साइन किए गए सुरक्षा समझौते के दायरे में भी आएंगे। कॉन्ट्रैक्ट के ब्यौरे के आइटम के हिसाब से आम न करके सरकार भारत और फ्रांस के बीच हुए उस समझौते का पालन भर कर रही है, जिस पर पिछली सरकार ने हस्ताक्षर किए थे।

बता दें कि 36 राफेल विमानों के लिए 2016 में भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच समझौता हुआ था। कांग्रेस इस डील पर सवाल उठा रही है।

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