लेकिन अब यह तय माना ये जा रहा है कि मुख्यमंत्री की रेस में जे पी नड्डा सबसे आगे चल रहे हैं। नड्डा, जयराम एक खेमे के हैं। शांता जयराम खेमे के पक्षधर हैं। धूमल एंड कंपनी हाईकमान, खासकर जेटली कृपा और धूमल-पीएम रिलेशन पर आशान्वित है। फिलहाल टीम धूमल रेस में पिछड़ती हुई दिख रही है, लेकिन उम्मीद भी कर रही है।
वहीं भारद्वाज और एक अन्य चेहरे पर भी नजर है। डिप्टी सीएम की व्यवस्था पर भी विचार किया जा रहा है। पर्यवेक्षक और प्रभारी को क्लीयर मैंडेट के साथ भेजे जाने की तैयारी है। वहीं हिमाचल में सीएम चेहरा घोषित करने को लेकर भाजपा में चल रही माथापच्ची के बीच पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का बड़ा बयान आया है। उन्होंने सीएम पद के लिए अपने दावे को लेकर प्रेस नोट जारी कर स्थिति स्पष्ट की है। धूमल ने अपने फेसबुक पेज पर भी प्रेसनोट को जारी किया है।
प्रेस नोट जारी कर धूमल ने कहा कि 2017 के चुनावों में जनता ने पार्टी को अपना आशीर्वाद देकर सत्तासीन किया है। पार्टी का आभारी हूं कि उसने मेरे नेतृत्व में यह चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। प्रदेश की जनता ने भी विश्वास प्रकट करते हुए दो तिहाई बहुमत प्रदान किया।
वहीं, शानदार जीत के बावजूद अपनी सीट हारने को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। कहा कि चुनावी नतीजों के दिन ही स्पष्ट कर दिया था कि वह किसी पद की दौड़ में नहीं है और नेतृत्व का चयन पार्टी हाई कमान के अधिकार क्षेत्र में है।
हालांकि भाजपा हाईकमान ने गुजरात के बाद हिमाचल के सीएम का नाम भी तय कर दिया है। सीएम के नाम का एलान पर्यवेक्षक निर्मला सीतारमण और नरेंद्र तोमर रविवार दोपहर 12:30 बजे विधायक दल की बैठक में कर सकते हैं।