संजय लीला भंसाली की फ़िल्म पद्मावती पर रोक लगाने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा है कि इसका फैसला सेंसर बोर्ड को करना है। अगर फ़िल्म में इतिहास के साक्ष्यों से छेड़छाड़ हुई है या फ़िल्म में गलत चीजें दिखाई गयीं हैं इस पर सेंसर बोर्ड फैसला लेगा।
आको बात दें कि पूरा क्षत्रिय समाज इस फ़िल्म पर रोक लगाने की मांग कर रहा है। राजस्थान में तो इस फ़िल्म को लेकर जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
क्षत्रिय समाज की तरफ से ही इस फ़िल्म पर रोक लगाने की सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कि सेंसर बोर्ड ने अभी तक पद्मावती को प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है, यह एक स्वतंत्र निकाय है और इसलिए कोर्ट को उसके अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
फिल्म के विरोध में बीजेपी नेता और सांसद साक्षी महाराज ने भी बयान देते हुए कहा था कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा था कि जिस तरह पद्मावती, महारानी, मां, हिंदू और किसानों का मजाक बनाया जा रहा है, सरकार और प्रशासन को पता होना चाहिए कि यह गलत हो रहा है और फिल्म पद्मावती को पूरी तरह बैन किया जाना चाहिए।
फिल्म पर आरोप हैं कि इसमें ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। फिल्म का सबसे ज्यादा विरोध राजस्थान में हो रहा है। साक्षी ने आगे कहा कि फिल्म इंडस्ट्री को अस्मिता और राष्ट्र से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें सिर्फ पैसा चाहिए। वह इसके लिए नंगे होने के साथ-साथ कुछ भी कर सकते हैं।’