लगता है ताजमहल पर विवाद थमता नज़र नहीं आ रहा है। पहले संगीत सोम ने ताजमहल को देश के लिए कलंक बताया फिर भाजपा के नेताओं ने ताजमहल को शिवमंदिर तेजोमहल बताया। अब आरएसएस के के इतिहास विंग अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति ने मांग की है कि ताजमहल में शिव चालीसा का पाठ होने दिया जाए अगर नहीं तो ताजमहल में शुक्रवार की नमाज भी बंद हो।
वैसे इन सब विवादों के बीच कल गुरुवार को यूपी के सीएम योगी अदित्यनाथ ने ताजमहल का दौरा किया। इस विवाद के बारे में जब उनसे पूंछा गया तो उन्होंने टालमटोल वाला जबाव दिया उन्होंने कहा ये लोगों की आस्था है, ये लोगों के दिमाग की सोच है कोई इसे ताजमहल मानता है कोई तेजोमहल।
ज्ञातव्य है कि योगी के दौरे से पहले ही ताजमहल में शिवचालिसा पढने को लेकर विवाद हुआ था। हाल ही में हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों द्वारा ताजमहल में शिवचालिसा पढने के बाद बवाल ज्यादा बढ गया था। अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इतिहास विंग अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति ने मांग की है कि ताजमहल में शुक्रवार को होनी वाली नमाज पर रोक लगा दी जाए।
आरएसएस की हिस्ट्री विंग ने कहा है कि या तो ताजमहल में नमाज पर रोक लगे या शिव चालिसा पढने की भी इजाजत दी जाए। ज्ञातव्य है कि ताजमहल शुक्रवार को नमाज की वजह से बंद रखा जाता है। आरएसएस की इतिहास विंग का कहना है कि ताजमहल एक राष्ट्रीय संपत्ति है, तो उसे मुस्लिमों को धार्मिक स्थान के रूप में इस्तेमाल करने की इजाजत क्यों दी जाती है।
साथ ही उनका कहना है कि अगर मुसलमानों को वहां पर नमाज करने की इजाजत दी जा सकती है, तो हिंदुओं को शिव चालीसा पढने की भी दी जानी चाहिए। ज्ञातव्य है कि इससे पहले बीजेपी नेता कह चुके हैं कि ताजमहल हिंदु राजाओं ने बनवाया था और इसे तेजो महल के नाम से जाना जाता था। जिसे बाद में शाहजहां ने कब्रिस्तान में बदल दिया। बीजेपी नेता इसे पूर्व का शिव मंदिर बताते हैं। आरएसएस की इतिहास विंग का कहना है कि हम लोग इस बात की सबूत इक_े कर रहे हैं, जिसके बाद हम सभी के सामने पेश करेंगे।