पूरे देश मे बीफ बैन है लेकिन देश के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जहाँ बीफ पर कोई बैन नहीं है। अपने को गौ भक्त कहलाने वाली पार्टी भाजपा बीफ को सस्ती दरों में दिलाने का वायदा कर रही है, इतना ही नहीं वो बीफ को सस्ता करने के नाम पर यहाँ वोट तक मांग रही है।
हम बात कर रहे हैं पूर्वोत्तर का स्कॉटलैंड कहे जाने वाले मेघालय की यहाँ अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों में अगर भाजपा सत्ता में आती है तो वह राज्य के गरीब तबके के लोगों को ध्यान में रखते हुए बीफ के दाम घटा देगी।
पार्टी ने मेघालय में बीफ पर पाबंदी लगाने की संभावना को पहले से ही खारिज कर दिया है।
बात दें कि मेघालय में बीफ बैन को लेकर कई भाजपा नेताओं ने पार्टी से त्यागपत्र देकर बीफ पार्टी का सार्वजनिक आयोजन कर अपना विरोध दर्ज करवाया था। जिसके बाद पार्टी बैकफुट पर आ गयी थी।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि भाजपा का ये दोगलापन कैसा? मेघालय में गाय बीफ है बाकी जगह माता। ऐसे दोहरे चरित्र से पार्टी देश में राजनीति कर रही है। राजनीति ही नहीं बल्कि बीफ के नाम पर देश को बांट रही है।
देश में कई इसको लेकर तमाम जगह हिंसाएँ हुई हैं। कई लोगों को अपनी जान तक गवांनी पड़ी है।
देश के कई हिस्सों में भाजपा समर्थकों ने गौरक्षक दल बनाये हुए हैं। इन गौरक्षक दलों के ऊपर लोगों को बीफ के नाम पर परेशान करने तक के आरोप लगे हैं। जिसकी वजह से भाजपा कई बार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आई है। पार्टी और पीएम की जबरदस्त आलोचना हुई इसको लेकर पीएम मोदी भी कई बार इन कथित गौरक्षकों पर निशाना साधते नज़र आये।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि जिस बीफ को लेकर भाजपा ने राजनीति की सीढ़ी चढ़ीं आज वोट पाने के लिए मेघालय में बीफ को सस्ता करने के नाम पर वोट मांग रही है।
भाजपा के मेघालय प्रदेश अध्यक्ष शिबुन लिंग्दोह ने साफ किया कि केंद्र ने मेघायल में बीफ की खरीद फरोख्त पर पाबंदी नहीं लगाई है। बीती 23 मई को जारी अधिसूचना में पशु बाजार के नियमन और खरीद फरोख्त के लिए यहां पहुंचने वाले पशुओं की देखभाल के बारे में थी।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने कभी भी यहां गोहत्या पर पाबंदी की बात नहीं कही है। वे कहते हैं कि पशुधन राज्य का मामला है। इस मुद्दे पर फैसले का अधिकार संबंधित राज्य सरकारों को है।
इससे पहले भाजपा प्रवक्ता जेए लिंग्दोह ने एक बयान में कहा था कि पार्टी पहले ही साफ कर चुकी है कि पूर्वोत्तर राज्यों में बीफ पर पाबंदी नहीं लगाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि गोहत्या पर पाबंदी लगाना न तो अर्थव्यवस्था के हित में है और न ही इसे संविधान का समर्थन हासिल है।
ख़ैर ये वोट बैंक की राजनीति है पहले गाय के नाम पर भाजपा सत्ता की सीढ़ी चढ़ी अब वो मेघालय में भी इसी गाय के नाम पर सत्ता की सीढ़ी चढ़ना चाहती है। वो बात अलग है वहाँ मारने को लेकर राजनीति थी तो यहाँ खाने के लिए सस्ता करने की राजनीति है।
लेकिन लोग हैं कि इन सब नेताओं की बातों में आकर एक दूसरे के खिलाफ हो जाते हैं और आपसी भाईचारे को छोड़कर एक दूसरे के दुश्मन हो जाते हैं।
लेकिन इन नेताओं के दोहरे चरित्र को नहीं जान पाते हैं।
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मनीष कुमार