दिल्ली एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे बेचने पर रोक लगाई थी लेकिन बैन के बाबजूद चोरी छिपे पटाखे खूब बिके। इतना ही नहीं लोगों ने भी खूब जमकर पटाखे फोड़े। कुछ नौसिखिये तो पटाखे फोड़ने सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचे उन्होंने जैसे ही पटाखे फोड़ने चाहे लोगों ने आतंकवादी हमला समझ वहां से भागना शुरू कर दिया लेकिन पुलिस ने उन्हें तुरंत पकड़ लिया।
दिल्ली एनसीआर में बहुत सारी दुकानों पर चोरी छिपे आतिशबाजी का सामान बिकता मिला। इतना ही नहीं दुकानदार पटाखों को डबल दामों में बेच रहे थे। बाबजूद इसके लोग पटाखों को खरीद रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वैसे इस बार दीवाली पहले से ज्यादा फीकी थी।
हालांकि राहत की बात यह रही कि बैन के कारण प्रदूषण का यह स्तर पिछली दिवाली की तुलना में कुछ कम रहा है। दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद में लोग बिक्री पर बैन के बावजूद पटाखे जुटाने में लगे रहे। अधिकतर जगहों पर धूम-धड़ाका होता रहा, लेकिन यह पिछली बार से कुछ कम था।
पलूशन के स्तर को मापने वाले ऑनलाइन इंडिकेटर्स गुरुवार शाम 7 बजे ही एयर क्वॉलिटी के ‘काफी खराब’ होने के संकेत देने लगे थे। सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 319 था, जो ‘काफी खराब’ स्थिति है लेकिन पिछले साल दिवाली पर (30 अक्टूबर) हालात ज्यादा ही खराब थे। पिछले साल इंडेक्स 431 पर पहुंच गया था। CPCB ने भी कहा है कि लोगों में जागरूकता की वजह से दिवाली पर प्रदूषण पिछले साल की तुलना में घटा है।
बैन के कारण पटाखे की दुकानें नहीं लगीं और लोगों ने भी कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए पटाखे कम जलाए। हालांकि यह भी वास्तविकता है कि पलूशन का स्तर इतना खराब था, जिससे सांस के रोगियों को ही नहीं सामान्य लोगों को भी सांस लेने में परेशानी हुई। इस बार दिवाली से पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखे बेचने पर पाबंदी लगा दी थी। इसके पीछे मकसद दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम करना था, पर इस बैन का व्यापक असर नहीं हुआ। पटाखा बेचने पर बैन भले ही था पर लोगों ने ‘जुगाड़’ कर पटाखे खरीदे और गुरुवार शाम को आतिशबाजी और धूम-धड़ाके में ज्यादा कमी नहीं देखी गई। गौरतलब है कि कोर्ट ने पटाखे फोड़ने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई थी।
दिल्ली के विजय चौक पर पलूशन के कारण शुक्रवार को काफी धुंध छाई रही। यही हाल कई और इलाकों का भी था। लोधी रोड इलाके में PM10 का स्तर 5 गुना बढ़ गया। पंजाबी बाग में PM10 का स्तर 6 गुना बढ़ा जबकि शाहदरा में PM10 का स्तर 7 गुना बढ़ा पाया गया।
दिल्ली के आनंद विहार में जहां प्रदूषण सामान्य से 24 गुना बढ़ गया, वहीं इंडिया गेट के आसपास के इलाके में पलूशन का लेवल 15 गुना अधिक पाया गया। दिल्ली के शादीपुर में पलूशन खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। यहां एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 420 पर जा पहुंचा।
दिल्ली-एनसीआर की गलियों में खुले तौर पर नहीं लेकिन चोरी-छिपे पटाखे बेचे गए। कुछ जगहों पर दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की भी खबरें हैं। दिल्ली पलूशन कंट्रोल कमिटी के आर.के. पुरम मॉनिटरिंग स्टेशन ने रात 11 बजे PM2.5 और PM10 क्रमश: 878 और 1,179 माइक्रोग्राम/क्यूबिक रेकॉर्ड किया गया। यह पलूशन स्तर को लेकर काफी खराब स्थिति है। इस बढ़े हुए प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर के लोगों को अगले 24 घंटे या उससे भी ज्यादा समय तक सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
गौरतलब है कि एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) अगर 0-50 हो तो इसे अच्छी स्थिति मानी जाती है, 50-100 हो तो इसे संतोषजनक कहा जा सकता है। हालांकि इसके आगे AQI बढ़कर अगर 101-150 के आंकड़े को छूता है तो इससे सामान्य लोगों को तो नहीं पर बीमार खास तौर से बुजुर्ग व सांस के रोगियों की परेशानी बढ़ सकती है। 151 से 200 पहुंचने पर यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। 201-300 का स्तर काफी खतरनाक होता है। 300 से ऊपर AQI पहुंचने पर यह इमर्जेंसी की स्थिति बन जाती है और सरकार एवं एजेंसियों की ओर से प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए कदम उठाने पड़ते हैं।
इससे पहले मंगलवार को पटाखे पर बैन का विरोध भी हुआ था। खुद को आजाद हिंद फौज का हिस्सा और हिंदू हेल्पलाइन का सदस्य बताने वाले युवक ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए निकले थे और सुप्रीम कोर्ट के बाहर सी-हेक्सागन के पास पटाखे जलाने लगे। पटाखे जलते देखकर आसपास लोग तेजी से यह सोचकर भागे कि शायद यह कोई आतंकवादी हमला है। हालांकि पुलिस ने तुरंत ऐक्शन लिया और पटाखे जला रहे युवकों को कुछ मिनटों के भीतर ही हिरासत में ले लिया।