मनीष कुमार । ख़बर 24 एक्सप्रेस
बाबा रामदेव के स्वदेशी अभियान को तगड़ा झटका लगा है। और ये झटका दिया है पतंजलि के ग्राहकों ने। आपको बता दें कि इस वक़्त बाबा के उत्पादों को पसंद करने वालों की संख्या तेजी से घट रही है और इन सबका कारण है बाबा द्वारा बढ़ा चढ़ाकर प्रचार करना।
इसके अलावा दूसरा बड़ा कारण है बाबा राम रहीम, आसाराम, संत रामपाल, राधेमाँ जैसे कथित साधु संतों से लोगों का विश्वास उठना। लोगों का कहना है कि बाबा रामदेव जिस तरीके से पतंजलि के उत्पादों को बाजार में उतार रहे हैं वो बाबा कम व्यापारी ज्यादा नज़र आते हैं। लोगों का आरोप है कि बाबा रामदेव लोगों को बर्गलाने का काम ज्यादा करते हैं। ब्लैकमनी ब्लैकमनी चिल्लाने वाले बाबा वे सभी मुद्दे भूल व्यापारी हो चले हैं। बाबा महँगी महँगी गाड़ियों में सफर करते हैं। भगवा चोला धारण कर योग सिखाने वाले बाबा सभी प्रकार के सांसारिक सुखों को भोग रहे हैं जो एक संत या साधु को शोभा नहीं देता।
तीसरा बड़ा कारण है कि बाबा रामदेव के आधे से अधिक उत्पादों का क्वालिटी टेस्ट में फेल हो जाना। बेशक ये बात बहुत ज्यादा बाहर नहीं फैली हो लेकिन सोशल मीडिया और कुछ न्यूज़ चैनल्स के माध्यम से लोगों तक जरूर पहुंच गई जिसकी वजह से बाबा के पतंजलि को बड़ा झटका लगा।
बाबा जिस प्रकार दूसरी कंपनियों को फ़र्ज़ी और अपनी को राष्ट्रवादी और सही साबित कर रहे हैं उसमें दम नहीं दिखता है। बाबा रामदेव शुद्ध शाकाहार का प्रचार करते हैं और दूसरी ओर पतंजलि का मीट मसाला भी बाजार में उतारते हैं। बाबा दूसरी कंपनियों के शहद, घी, तेल की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हैं और इनके खुद के उत्पाद क़्वालिटी टेस्ट में फेल मिलावटी मिलते हैं।
बाबा रामदेव के इन झूंठे और भ्रामक प्रचारों की वजह से लोग पतंजलि की तरफ कम रुख कर रहे हैं। बाबा ने मैगी को लेकर जबर्दस्त हल्ला मचाया था जिसके बाद कंपनी को बाजार से मैगी वापस लेनी पड़ी थी लेकिन लोगों के दबाव में सरकार झुकी इसके बाद फिर से मैगी का उत्पादन शुरू हुआ। अब बात करते हैं बाबा के न्यूडल्स की जो लोगों ने पूरी तरह से नकार दिया। नकारा ही नहीं बल्कि क़्वालिटी टेस्ट में भी फेल हो गया।
बाबा पर ये भी आरोप लगे कि उन्होंने अपने बहुत सारे प्रोडक्ट्स को बिना क़्वालिटी टेस्ट के बाजार में उतार दिये
आपको बता दें कि स्वदेशी और बेहतर उत्पादों का ढोल पीटने वाले बाबा रामदेव को ये बहुत बड़ा झटका है।
इस वक़्त पतंजलि के 40 प्रतिशत उत्पाद क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गए हैं जिसके बाद इनकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार हरिद्वार के आयुर्वेद व यूनानी ऑफिस ने जांच के बाद यह रिपोर्ट दी है। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार जांच के लिए 2013 से 2016 के बीच एकत्रित किए गए 82 सैंपल लिए गए थे जिनमें से 32 सैंपल इस क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गए हैं। जो उत्पाद टेस्ट में फेल हुए हैं उनमें इन उत्पादों में पतंजलि का दिव्य आंवला ज्यूस व शिवलिंगी बीज, न्यूडल्स, घी, तेल भी शामिल है।
रिपोर्ट के अनुसार इन उत्पादों में तय मानकों के अनुपात में पीएच वैल्यू बेहद कम है। बता दें गत माह ही पश्चिम बंगाल की जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला में पतंजलि के आंवला ज्यूस का गुणवत्ता परीक्षण किया था। परीक्षण की जो रिपोर्ट सामने आई उसके बाद से ही सशस्त्र बलों के कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट ने आंवला ज्यूस को बेचने से इंकार कर रोक लगा दी थी।
इतना ही नहीं पतंजलि आयुर्वेद के साबुन के विज्ञापन पर रोक लगाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को बड़ा झटका दिया। बाबा के साबुन के विज्ञापन पर बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा प्रतिबन्ध लगा दिया। पतंजलि द्वारा अपने साबुन को लेकर एक ऐसा भ्रमित विज्ञापन प्रसारित किया जा रहा था जिसमे कहा जा रहा था कि पीयर्स, लक्स, डव और लाइफबॉय केमिकल बेस्ड साबुनों का प्रयोग न करें और प्राकृतिक साबुन अपनाएं।
इस विज्ञापन पर हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) ने आपत्ति दर्ज करते हुए बाबा रामदेव के पतंजलि ब्रैंड्स के टॉयलेट साबुन विज्ञापन पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा है कि इसमें उनकी कंपनी के साबुन ब्रैंड्स को सीधे रूप से टारगेट किया जा रहा है। जिसके बाद हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है।
बाबा रामदेव द्वारा इस बारे में अभी तक कुछ नहीं कहा गया है। पतंजलि का यह विज्ञापन 2 सितंबर से प्रसारित किया जा रहा था, जिसको देखते हुए हिंदुस्तान यूनिलीवर ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) भारत की सबसे बड़ी एफएमसीजी प्रॉडक्ट्स बेचने वाली कंपनी है।
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मनीष कुमार
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