मासूम प्रद्युम्न की हत्या को 8 दिन बीत चुके हैं लेकिन पुलिस सिर्फ शक के आधार पर केस को आगे बढ़ रही है अभी तक पुलिस यह तय नहीं कर पाई कि जो आरोपी पकड़ा है क्या वो सही है या सिर्फ शक के आधार पर पकड़ा है। कंडक्टर अशोक के कबूलनामे के बाद गुरुग्राम पुलिस की थ्योरी पर हरियाणा सरकार को और ज्यादा किरकिरी झेलनी पड़ी जिसके बाद मासूम के मम्मी पापा चाहते थे कि सीबीआई इस केस की जांच करे तो सरकार ने इसके आदेश दे दिए। अब सीबीआई इस केस की जांच करेगी।
वहीं बच्चे की माँ ने जो शक जताया है उसे सुनकर पुलिस के होश उड़ गए हैं। माँ ने स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि उनके मासूम बच्चे ने स्कूल में कुछ ऐसा देख लिया जिसके बाद उस बच्चे का मर्डर कर दिया। माँ का आरोप है कि बाथरूम क्लासरूम के पास होने के बाबजूद उनके बच्चे की आवाज किसी के कानों तक कैसे नहीं पहुँची? उन्होंने शक जताया कि बच्चा जब घर से फ्रेश होकर जाता है तो इतनी जल्दी उसे दोबारा टॉयलेट क्यों जाना पड़ा। वो घर से पूरी तरह फ्रेश होकर जाता है तो उनका मासूम टॉयलेट में कैसे पहुँचा?
जब बच्चे के साथ किसी तरह का अमानवीय व्यवहार नहीं हुआ तो बच्चे को आरोपी ने क्यों मारा? बच्चे ने ऐसा कुछ देख लिया जिसके बाद अपने कुकर्मों को छिपाने के लिए मेरे बच्चे को बड़ी ही बेरहमी से मार दिया। स्कूल में चाकू कैसे आया?
उन्होंने कहा कि अगर इसकी निष्पक्ष जांच हो तो दूध का दूध पानी का पानी जो जाएगा।
रायन स्कूल में एक हफ्ते पहले हुई सात साल के मासूम प्रद्युम्न की हत्या के मामले में एक और खुलासे से पुलिस बुरी तरह फंसती नजर आ रही है। दरअसल मामले में मुख्य आरोपी बस कंडक्टर अशोक के एक रिश्तेदार ने खुलासा किया है कि पुलिस ने अशोक को जुर्म कबूल करवाने के लिए जान से मारने तक की धमकी दी थी।
अशोक के रिश्तेदार सतपाल का कहना है कि पुलिस ने उसे जुर्म कबूल करने के लिए दबाव बनाया था। यहां तक कि पुलिस ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी। वो बेगुनाह है।
वहीं अब हरियाणा सरकार स्कूल का अधिग्रहण कर सकती है। वहीं दूसरी ओर खबर है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए पिंटो परिवार चंडीगढ़ हाईकोर्ट की शरण ले सकता है।
हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने बृहस्पतिवार को विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके खंडेलवाल ने बयान दिया है कि सरकार रायन स्कूल को टेकओवर कर सकती है।
खंडेलवाल का कहना है कि खट्टर सरकार ने रायन स्कूल का अधिग्रहण करने की पूरी तैयारी कर ली है और जरूरत पड़ने पर इस पर फैसला भी लिया जा सकता है। इस मामले में तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट आ चुकी है जिसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
खंडेलवाल के अनुसार राज्य सरकार रायन स्कूल का तुरंत अधिग्रहण करने को भी तैयार है। विभाग के निदेशक ने स्कूल प्रबंधन को नोटिस भी भेजा है।
बांबे हाईकोर्ट ने गुरुग्राम स्थित रायन इंटरनेशनल स्कूल में सात वर्षीय छात्र प्रद्युम्न की हत्या के मामले में स्कूल के ट्रस्टियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। खबरों के अनुसार हाईकोर्ट के निर्देश पर पिंटो परिवार के तीनों सदस्यों के पासपोर्ट मुंबई पुलिस कमिश्नर कार्यालय में जमा करा दिए गए हैं।
बांबे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अजय गडकरी ने पिंटो परिवार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए स्कूल के संस्थापक चेयरमैन ऑगस्टीन पिंटो, उनकी पत्नी ग्रेस पिंटो और बेटे रायन पिंटो को बृहस्पतिवार की रात नौ बजे तक अपना पासपोर्ट मुंबई पुलिस आयुक्त के पास जमा करने का निर्देश दिया था।
इसके साथ ही उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक शुक्रवार शाम पांच बजे तक जारी रखने का निर्देश दिया है। इसके बाद पुलिस अपनी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। न्यायमूर्ति ने तीनों आरोपियों को जमानत के लिए कोर्ट में आवेदन करने की भी छूट दे दी है।
ऑगस्टीन पिंटो, ग्रेस पिंटो और रायन पिंटो को गुरुग्राम के रायन स्कूल में सात साल के विद्यार्थी प्रद्युम्न की हत्या के मामले में आरोपी बनाया गया है। गिरफ्तारी से बचने के लिए पिंटो परिवार ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दायर की थी। पिंटो परिवार की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान छात्र के पिता वरुण ठाकुर के वकील सुशील टेकरीवाल ने इसे बेहद गंभीर मामला बताया।
उन्होंने कहा कि यदि आरोपियों को जमानत दी गई तो वे मामले से जुडे़ गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। आरोपियों का अपराध इतना गंभीर है कि हरियाणा के किसी भी वकील ने उनका मुकदमा लेने से इनकार कर दिया है। सच्चाई का पता लगाने के लिए आरोपियों से पूछताछ जरूरी है। हरियाणा के बार काउंसिल ने इस संबंध में प्रस्ताव भी पारित किया है।
महाराष्ट्र सरकार की वकील अरुणा पई ने भी आरोपी पिंटो परिवार को जमानत देने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि आरोपियों को बांबे हाईकोर्ट की बजाय पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दायर करना चाहिए। वहीं, पिंटो परिवार के अधिवक्ता नितिन प्रधान ने कहा कि वह मामले की जांच को लेकर सहयोग करने को तैयार हैं।