आज देश के सभी बैंकों की हड़ताल है जिसकी वजह से आज कामकाज पूरा ठप्प रहेगा। बैंक पूरी तरह से बंद रहेंगे। किसी तरह का न तो कोई लेन देन होगा न बैंको में कोई काम होगा।
देश के सरकारी बैंक और ग्रामीण बैंक मंगलवार को हड़ताल पर रहेंगे, इसलिए आज बैंकों में कोई काम-काज नहीं हो सकेगा। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने बताया, ‘मंगलवार को सभी राष्ट्रीयकृत बैंक बंद रहेंगे। उधर आर्यावर्त अधिकारी असोसिएशन ने भी सरकारी बैंकों के साथ कदम मिलाते हुए हड़ताल में शामिल होने का फैसला लिया है। ग्रामीण बैंक कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों के राष्ट्रीय स्तर पर बने साझा मंच ने इसकी घोषणा भी की है।’
बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्स असोसिएशन के महासचिव दिलीप सिंह चौहान ने कहा, ‘मंगलवार को होने वाले विरोध प्रदर्शन के संचालन के लिए यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन नामक समूह का गठन किया गया है। निजी बैंकों के विलय और बैंकों के निजीकरण के सरकार के कदमों के खिलाफ सोमवार शाम को हजरतगंज की स्टेट बैंक शाखा पर बैंक अधिकारियों ने प्रदर्शन किया।’
ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त ऑफिसर असोसिएशन के अध्यक्ष ए.के. सिंह एवं महामंत्री सुधीर सक्सेना ने बताया, ‘बैंकिंग क्षेत्र में सुधारों के नाम पर निजीकरण, अवांछित श्रम सुधार, औद्योगिक घरानों के डूबते ऋणों पर दी जाने वाली रियायतों, बैंक शुल्क में बढ़ोतरी, एनपीए की त्वरित वसूली, एफडीआरआई बिल की वापसी, बैंक बोर्ड को विघटित करने की साजिश के विरोध एवं सभी वर्गों के कार्मिकों की भर्ती करने जैसी प्रमुख मांगों को लेकर हड़ताल रखी गई है।’
सुधीर ने बताया, ‘देश के 56 ग्रामीण बैंकों की 17 हजार शाखाओं में कार्यरत एक लाख अधिकारी एवं कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। बैंककर्मी स्थानीय ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त के गोमती नगर स्थित मुख्यालय के सामने 22 अगस्त को सुबह 10 बजे एकत्रित होकर प्रदर्शन करेंगे एवं अपनी मांगों के समर्थन में जन-जागरण कार्यक्रम चलाएंगे।’
इधर, जीएसटी पोर्टल की सुस्ती से परेशान ट्रेड-इंडस्ट्री को बैंककर्मियों की हड़ताल से एक और झटका लगने जा रहा है। यूं तो हड़ताल से सभी तरह के बैंकिंग ट्रांजैक्शन पर बुरा असर पड़ेगा, लेकिन सबसे ज्यादा टेंशन में वे कारोबारी हैं, जिन्हें 25 अगस्त तक जुलाई महीने का जीएसटी जमा कराना है। असेसी तीन तरह से टैक्स पेमेंट कर सकते हैं, लेकिन लेकिन जानकारों के मुताबिक तीनों में मोड में बैंक ट्रांजैक्शन में देरी का सामना करना पड़ सकता है।
फिलहाल जीएसटी पमेंट के लिए किसी भी कारोबारी के पास विकल्प है कि वह जीएसटी पोर्टल पर टैक्स चालान जेनरेट कर वहीं से ऑलाइन पेमेंट कर दे या चालान जेनरेट करके बैंक में जाकर जमा कराए या फिर चालान जेनरेट कर आरटीजीएस करे। फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्री, ट्रेड ऐंड जूलर्स असोसिएशन के चेयरमैन सुशील जैन ने बताया कि बड़े पैमाने पर व्यापारी दूसरे मोड में टैक्स जमा करा रहे हैं यानी वे चालान जेनरेट कर ब्रांच में टैक्स जमा करते हैं, इस मोड में कोई ट्रांजैक्शन नहीं हो सकेगा। चूंकि ट्रेडर हर रोज की सेल्स के बाद कैश डिपॉजिट करता है, जब अकाउंट में पैसा ही नहीं आएगा तो किसी मोड में ट्रांसफर संभव नहीं होगा। कैश डिपॉजिट और चेक क्लियरेंस भी पूरी तरह ठप रहेगी।