बिहार में एक ऐसे घोटाला उजागर हुआ है जो लालू यादव के जमाने का मशहूर घोटाला “चारा घोटाले” से भी बड़ा घोटाला है।
आपको बता दें कि जो घोटाला सामने आया है वो बिहार का “बैंक घोटाला” 90 के दशक के “चारा घोटाला” से भी बड़ा और गंभीर है।
घोटाले में इस्तेमाल किए गए जिन हथकंडों का खुलासा हो रहा है, उससे साफ है कि घोटाले में बड़े नेताओं, बड़े अधिकारियों और अन्य प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता रही थी।
चारा घोटाले में अन्य मामलों के अलावा तब ‘ट्रेजरी’ से फ़र्ज़ी बिल द्वारा पैसे भी निकाले गए थे। लालू यादव मुख्यमंत्री थे और वित्त मंत्री भी होने के नाते उस मामले में अभियुक्त बनाये गए थे। गिरफ्तार हुए, जेल गए।
अब जो “बैंक घोटाले” का मामला सामने आया है वह 2008 का है जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री और सुशील मोदी उप मुख्यमंत्री थे। फिलहाल यह घोटाला 300 करोड़ से कुछ अधिक का बताया जा रहा है। लेकिन ये राशि काफी बडी हो सकती है।
अब देखना है कि इस कांड की जिम्मेदारी लेते हुए “नैतिक कुमार” उर्फ नीतीश कुमार इस्तीफा देंगे?
तर्क दिया जाएगा कि नीतीश ने जांच के आदेश दे दिये हैं।याद दिला दूं, चारा घोटाला के भी सामने आने पर लालू यादव ने जांच के आदेश दिये थे।
क्या था मामला:
इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय जांच का आदेश दे दिया है। उन्होंने जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया हैं। जांच टीम आर्थिक अपराध इकाई के आईजी जेएस गंगवार के नेतृत्व में चार्टेड प्लेन से भगलपुर पहुंची है। सभी अधिकारी अभी सर्किट हाउस पहुंचे हैं।
आपको बता दें कि एडीजी मुख्यालय एसके सिंघल के मुताबिक गड़बड़ी 2008-09 से चल रही थी। हालांकि मामले का खुलासा कुछ दिनों पहले हुआ है। घटना के बाबत उन्होंने बताया कि भागलपुर जिला प्रशासन को विभिन्न योजनाओं की रकम सरकार द्वारा भेजी गई। जिला प्रशासन के बैंकों खातों में पहुंची रकम को प्रशासन द्वारा विभिन्न योजनाओं के लिए खोले गए सरकारी बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया। घोटाले की नींव यहीं से पड़ी। फर्जी हस्ताक्षर कर इन बैंक खातों से रुपए सृजन नामक स्वयंसेवी संस्था के छह खातों में ट्रांसफर किए गए।
इस मामले में आश्यर्चजनक पहलू यह है कि वर्ष 2008-09 से चल रहे इस खेल में सरकार के स्तर से जितने भी चेक बैंक को सौंपे गए, उन सभी चेक का भुगतान विगत फरवरी माह तक होता रहा। विगत फरवरी माह में मनोरमा देवी की मृत्यु के बाद जब बैंक ने सरकार के स्तर से जारी किए जा रहे चेक का भुगतान बंद कर दिया तब यह मामला सामने आया। सिंघल ने बताया कि फिलहाल इस मामले में किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है।
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Mr. SN Vinod
Senior Journalist