कोई पूर्वाग्रह नहीं। कोई राजनीति नहीं। किसी का समर्थन या किसी का विरोध नहीं। सिर्फ तथ्याधारित सत्य की प्रस्तुति!
गुजरात में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की कार पर पत्थर फेंका जाता है। कांग्रेस इसे राहुल पर प्राणघातक हमला बताते हुए भाजपा को जिम्मेदार ठहराती है।
भाजपा की ओर से दो केंद्रीय मंत्रियों के बयान आते हैं।
1. नक़वी: ये आम लोगों का कांग्रेस के खिलाफ गुस्से का इज़हार था।
2.प्रकाश जावड़ेकर: हम चुनाव में हराते हैं। पत्थरबाज़ी नहीं करते।
अब सचाई : –
भाजपा सरकार की गुजरात पुलिस ने पथराव के आरोप में वहाँ की भाजपा के एक महामंत्री को गिरफ्तार किया। अर्थात राहुल व अन्य कांग्रेसी नेताओं के आरोप सही साबित हुए कि पथराव भाजपा के लोगों ने किया।
दूसरा साबित हुआ कि केंद्र सरकार के दो मंत्रियों ने सार्वजनिक रूप से झूठ-सफेद झूठ-बोले।
अब, नैतिकता के नाम पर इस्तीफा मांगना या अपेक्षा करना कि वे झूठ बोल देश को गुमराह करने के कारण स्वयं इस्तीफा दे देंगे, मूर्खता ही होगी।
फैसला जनता के हाथों!
अब एक दूसरी शर्मनाक/भयावह घटना!
हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष के पुत्र, प्रदेश के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की पुत्री को लगभग “निर्भया-गति” दे देते अगर पुलिस मौके पर पंहुच उसे गिरफ्तार ना कर लेती। विलंब रात्रि में जब अधिकारी-पुत्री गाड़ी चलाती हुई चंडीगढ़ से अपने घर पंचकूला जा रही थी, नशे में चूर नेता-पुत्र और उसका साथी अपनी गाड़ी से पीछा करते हैं, ओवरटेक कर गाड़ी रोकते हैं, गाड़ी का दरबाजा खोलने की कोशिश करते हैं। भयभीत अधिकारी-पुत्री फोन से पुलिस को खबर करती है। तत्काल मौके पर पहुंच पुलिस नेता-पुत्र और उसके साथी को दबोच लेती है।
लेकिन……!
बिगड़ैल बेटे के बाप का रसूख! मामूली जमानती धारा में गिरफ्तारी दिखा जमानत पर छुड़वा लेता है।
बेटी ने अपनी पीड़ा-भय-वेदना और अधिकारी पिता ने मामले को रफा-दफा कर दिये जाने के प्रति अपनी आशंका, दबाव और भय को फेसबुक में पोस्ट कर जनता के साथ साझा किया है। बेटी ने लिखा है कि अगर पुलिस नहीं पहुंचती तो उसके साथ बलात्कार हो सकता था, उसकी हत्या हो सकती थी।
हरियाणा में “बेटी बचाओ….” अभियान का नेर्तित्व कर रहे भाजपा अध्यक्ष अपने बेटे के बचाव में “रसूख” का जमकर प्रयोग कर रहे हैं। ये भूलकर कि अगर मौके पर पुलिस नहीं पहुंचती तो संभवतः एक और “निर्भया” को उनका बेटा अंजाम दे चुका होता!
अब दोनों मामलों के आलोक में दांव पर है गुजरात और चंडीगढ़ पुलिस की साख! दांव पर है, सभी के लिए समान कानून की पवित्र अवधारणा! और, दांव पर है भाजपा के गर्व-युक्त ” चाल चरित्र,चेहरा” की पवित्रता!…और हाँ, हरियाणा भाजपा के “बेटी बचाओ……”अभियान की गंभीरता भी दांव पर है!!
Senior Journalist
Mr. SN Vinod