मनीष कुमार
भाजपा के साथ जाने का नीतीश का फैसला जेडीयू के सबसे बड़े नेता शरद यादव को रास नहीं आ रहा है। वैसे शरद यादव अभी खुलकर तो कुछ नही बोल रहे हैं लेकिन जो बोल रहे हैं वो उससे ज्यादा और क्या खुलेंगे।
शरद यादव ने आज नीतीश पर निशाना साधा है साथ ही भाजपा को भी नही छोड़ा। बातों बातों में शरद यादव ने नीतीश को मौका परस्त करार दिया तो भाजपा को धोखेबाज पार्टी बताया।
शरद यादव ने कहा कि गठबंधन टूटने का उन्हें बेहद अफसोस है और ये उनके जीवन की शर्मनाक घटना भी रही है।
बिहार में नीतीश कुमार ने महागठबंधन तोड़ बीजेपी के साथ मिलकर सरकार तो बना ली, लेकिन अपनी ही पार्टी के नेताओं को वह अब तक मना नहीं पाए हैं। नीतीश के फैसले से नाखुश जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने सोमवार को इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ते हुए पहली बार बयान दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में जो कुछ हुआ, वह उससे सहमत नहीं हैं और उन्हें महागठबंधन के टूटने का अफसोस है।
सोमवार को संसद के बाहर पत्रकारों से बातचीत में शरद यादव ने कहा, ‘जो परिस्थिति है, वह अप्रिय है। देश की, बिहार की 11 करोड़ जनता के लिए यह ठीक नहीं है। बिहार में जो फैसला हुआ मैं उससे सहमत नहीं हूं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। लोगों ने जनादेश इसलिए नहीं दिया था।’ यादव के बयान से जाहिर है कि वह अभी तक नाराज हैं और उन्हें मनाने की एनडीए नेताओं की कोशिश अभी तक नाकाम रही है।
आपको बता दें कि शरद यादव की इस नाराजगी पर लालू अपने पास आने और कमान संभालने की बात कह चुके हैं। हाँलाकि इस पर जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव का कोई जबाव या प्रतिक्रिया नही आई है।
जेडीयू के अन्य नेता भी अभी तक खुलकर शरद यादव के खिलाफ कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता केसी त्यागी ने सिर्फ इतना कहा है कि शरद उनकी पार्टी के बड़े नेता हैं और पूरे सम्मान के साथ उनकी बात सुनी जाएगी। हालांकि कुछ जेडीयू नेता यह जरूर कह रहे हैं कि शरद बीजेपी के समर्थन से ही राज्यसभा पहुंचे थे।
ख़बर 24 एक्सप्रेस
Manish Kumar