कर्नाटक के बीजेपी नेता वामन आचार्य के एक बयान ने पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है। एक कन्नड़ टीवी न्यूज चैनल पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि कृषि प्रधान देश बनने से पहले भारत के ब्राह्मण भी बीफ खाया करते थे। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक बयान पर विवाद बढ़ने पर उन्होंने इससे किनारा कर लिया। कर्नाटक बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं सीटी रवि और गो मधुसूदन ने आचार्य के बयान की निंदा की है।
इससे पहले भाजपा सरकार में मंत्री किरण रिजिजू भी बीफ खाने पर बोल चुके हैं कि वो बीफ खाते हैं और उन्हें बीफ खाने से कोई रोक नहीं सकता। मेघालय में भी भाजपा नेताओं ने बीफ पार्टी की थी और इसके बाद उन्होंने इस्तीफ़ा अपना इस्तीफा सौंप कर पार्टी छोड़ दी।
वामन आचार्य ने कहा ने बीफ मामले में जो कहा था वो ये शब्द हैं।
कृषि प्रधान देश बनने से पहले भारत में बीफ सहित कई पशुओं का मांस खाया जाता था। ऐसे कई उदाहरण हैं जिनसे पता चलता है कि ब्राह्मणों सहित कई समुदाय के लोग गाय का मांस भी खाते थे। वामन में यह बयान स्लॉटर हाउस के लिए पालतू पशुओं की खरीद-फरोख्त की बिक्री पर लगी रोक पर चर्चा के दौरान दिया था। उन्होंने कहा था कि आज भी भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में गाय का मांस खाया जाता है।
बयान पर विवाद बढ़ने पर आचार्य ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत करते हुए कहा कि, मैं इस मुद्दे पर किसी प्रकार का विवाद नहीं चाहता हूं, इसलिए अपनी बात वापस ले रहा हूं। मैं चाहता हूं कि इस मामले को तूल न दिया जाए और यहीं खत्म कर दिया जाए। मैं नही चाहता हूं कि मेरे वजह से मेरी पार्टी को किसी भी प्रकार की मुसीबत या नुकसाल उठाना पड़े।