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जिंदगी को ख़त्म करता “डिप्रेशन”, क्या घर बैठे चाहते हैं इस समस्या से निदान तो डॉ. स्वतंत्र जैन के इन उपायों को अपनाएं

 

 
डिप्रेशन एक ऐसी बीमारी है जो अपने साथ- साथ दूसरों को भी बीमार बना देती है। कई बार ये अपने इतने चरम पर पहुँच जाती है कि इंसान खुद की जान देने के लिए उतारू हो जाता है।
डिप्रेशन यानि मनोरोग, मानसिक बीमारी, अवसाद नाम अनेक लेकिन काम एक।

केवल हताशा या उदासी महसूस करना ही अवसाद नहीं है। यह वास्‍तव में मानसिक स्वास्थ्य की समस्या है, जो जीवन से जुड़ी उन परेशानियों के कारण होती हैं जिनके बोझ तले आप दबा महसूस करते हैं।

यह उदासी से इस मायने में अलग है कि जहां उदासी में थोड़े समय तक विषाद होता है वहीं अवसाद कम से कम 2 सप्ताह तक बना रह सकता है। अवसाद की गंभीरता को इस तथ्य से समझा जा सकता है कि यह आपको इस तरह जड़ बना देता है कि फिर कुछ भी काम करने कि आपकी इच्छा नहीं होती। यह अवस्था कठिन और दर्दनाक हो सकती है, लेकिन इससे पार पाना असंभव नहीं है। मदद उपलब्ध है और थोड़ा प्रयास करके आप अपने जीवन से अवसाद को दूर भगा सकते हैं।

अवसाद से प्रभावित 75% लोग शर्म के कारण परामर्श नहीं लेते क्योंकि वो सोचते हैं कि कहीं उनको पागल घोषित ना कर दिया जाए और चुपचाप इसकी पीड़ा भोगते रहते हैं। भरपूर देखभाल, प्यार और अपने घनिष्ठ लोगों की समझ से तथा सही इलाज डॉ स्वतंत्र जानीं की सलाह से आप निश्चित ही इससे उबर जाएंगे और आपका जीवन फिर से खुशहाल हो जाएगा।

आज हर दसवाँ भारतीय मानसिक बीमारी से जूझ रहा है, इस समस्या से निदान के लिए डॉ. स्वतंत्र जैन की कीमती सलाह सलाह को माने और मनोरोग को दूर करें इसे बढ़ने से रोकें।

• मनोरोग को फैलने से रोकें –

किसी भी पदार्थ या परिस्थिति के प्रति होने वाले असामान्य भय या डर का होना, नींद कम आना, सर दर्द, किसी भी काम की अधिक फ़िक्र या चिंता करना, रात को भय लगना, शारीरिक और मानसिक कमजोरी होना, वास्तविक भयावह परिस्थिति के न होने पर भी अत्यन्त भय लगना आदि।
अगर समय रहते इस बीमारी का उपचार न किया जाए, तो फिर उसकी एक प्रकार की विचित्र मानसिक मनोवृति बन जाती है।
अक्सर यह रोग पेट की खराबी, कब्ज और बहुत समय तक एलोपैथी की कुछ विशेष तरह की दवा खाने से भी होता है।
इस असंगत डर के कारणों को मालूम कर इसका उपचार मनोवैज्ञानिक तरीके से भी करना चाहिये। होमियोपैथी दवाइयों द्वारा भी रेागी की मानसिकता को ही बदलने का प्रयास किया जाता है।
उपरोक्त परेशानियों से उपचार के लिए निम्न दवा लें.
1. आप सल्फर 200 को सुबह 7 बजे, दोपहर को आर्निका 200 और रात्रि को आठ बजे नक्स वोम 200 की पांच-पांच बूँद आधा कप पानी से एक हफ्ते तक ले, हर तीन से छह माह में तीन दिन तक लें.
2. HSL कम्पनी की होम्योकाम्ब नं. 79 की दो गोली दिन में चार बार लें
3. साथ ही बायो काम्ब नं. 16 की छः गोली दिन में चार बार लम्बे समय तक लें.
4. होम्योलेक्स की एक या आधी गोली रोज रात 9 बजे एक हफ्ते तक लें. फिर हर रविवार को लम्बे समय तक लेते रहे.

• शरीर की ओवरहालिंग और रिचार्जिंग –

हमेशा स्वस्थ रहने के लिए कोई भी व्यक्ति या परिवार अगर निम्न उपचार द्वारा अपने शरीर की ओवरहालिंग और रिचार्जिंग करता है और खान-पान तथा एक्सरसाइज भी निम्न अनुसार लेता है, तो उसे कभी भी कैंसर, डायबटीज, ह्रदय रोग, लिवर रोग, किडनी फेल्यर, टी.बी., फेफड़े के रोग, चर्म रोग आदि कोई भी गंभीर बीमारी नहीं होगी और वह आजीवन सपरिवार स्वस्थ, प्रसन्न और खुशहाल रह सकेगा –
1. सबसे पहले आप सुबह 7 बजे कुल्ला करके सल्फर 200 को, फिर दोपहर को आर्निका 200 और रात्रि को खाने के एक से दो घंटे बाद या नौ बजे नक्स वोम 200 की पांच-पांच बूँद आधा कप पानी से एक हफ्ते तक ले, फिर हर तीन से छह माह में तीन दिन तक लें.
2. इन दवाइयों को लेने के एक हफ्ते बाद हर 15-15 दिन में सोरिनम 200 का मात्र एक-एक पांच बूँद का डोज चार बार तक ले, ताकि आपके शरीर के अंदर जमा दवाई और दूसरे अन्य केमिकल और पेस्टीसाइड के विकार दूर हो सकें और आपके शरीर के सभी ह्रदय, फेफड़े, लीवर, किडनी आदि मुख्य अंग सुचारू रूप से कार्य कर सकेंगे. बच्चों और ज्यादा वृद्धों में ये सभी दवा 30 की पावर में दें.
3. अगर कब्ज रहता हो, तो होम्योलेक्स या HSL कम्पनी की होम्योकाम्ब नं. 67 की एक या आधी गोली रोज रात एक सफ्ताह तक 9.30 बजे लें. इसके बाद हर व्यक्ति को चाहिए कि वह इसे हर हफ्ते एक या आधी गोली रात्रि 9.30 बजे ले.
4. आप सुबह दो से चार गिलास कुनकुना पानी पीकर 5 मिनिट तक कौआ चाल (योग क्रिया) करें.
5. साथ ही पांच या अधिक से अधिक दस बार तक सूर्य नमस्कार करें. फिर 200 से 500 बार तक कपाल-भांति करें. इसके बाद प्राणायाम करें.
6. रोज सुबह और रात को 15-15 मिनिट का शवासन भी करें.
7. फिर एक घंटे बाद अगर सूट करे, तो कम से कम एक माह तक नारियल पानी लें.
8. सुबह और शाम को अगर संभव हो, तो एक घंटा अवश्य घूमें.
9. रात को सोते समय अष्टावक्र गीता में बताये अनुसार दो मिनिट के लिए “मैं स्वयं ही तीन लोक का चैतन्य सम्राट हूँ” ऐसा जाप करें.
10. उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के चार्ज किये और मिलाकर बने चुम्बकित जल को लगभग 50 मिलीलीटर की मात्रा में रोज दिन में 3 बार उपयोग करें.
11. रोज सुबह उच्च शक्ति चुम्बकों को हथेलियों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए लगायें और रात्रि को खाने के दो घंटे बाद पैर के तलुवों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए दक्षिणी चुम्बक को बायीं ओर और उत्तरी चुम्बक को दाहिनी ओर लगाये.
12. गेंहू, जौ, देसी चना और सोयाबीन को सम भाग मिलाकर पिसवा ले और उसकी रोटी सादे मसाले की रेशेदार सब्जी से खाएं. दाल का प्रयोग कम कर दें.
13. बारीक आटे व मैदे से बनी वस्तुएं, तली वस्तुएं एव गरिष्ठ भोजन का त्याग करे।
14. सुबह-शाम चाय के स्थान पर नीबू का रस गरम पानी में मिला कर पिएं।
15. खाने में सिर्फ सेंधे नमक का प्रयोग करें.
16. रात को सोने से पहले पेट को ठण्डक पहुँचायें। इसके लिए खाने के चार घंटे बाद एक नेपकिन को सामान्य ठन्डे पानी से गीली करके पेट पर रखें और हर दो मिनिट में पलटते रहें. 15 मिनिट से 20 मिनिट तक इसे करें.
17. मैथी दाना 250 ग्राम, अजबाइन 100 ग्राम और काली जीरी 50 ग्राम को पीस कर इस चूर्ण को कुनकुने पानी से रात्रि 9.30 बजे एक चम्मच लें.
18. रात्रि को खाना और जमीकंद खाना, शराब पीना व धूम्रपान अगर करते हों या तम्बाखू खाते हों, तो इन्हें बंद करें. शाकाहारी भोजन ही लें.
19. अपने शरीर की सालाना ओवरहालिंग के लिए साल में एक बार अपने आसपास के किसी भी प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में जाकर वहां का दस दिन का कोर्स करें.
20. अपने घर के बुजुर्ग लोगों की रोज एक घंटे के लिये सेवा और मदद करें.
21. अपने आसपास की झोपड़पट्टी में रहने वाले किसी गरीब व्यक्ति की हर हफ्ते जाकर मदद करें.
22. अध्यात्मिक कैप्सूल के रूप में मेरी पुस्तक मुक्तियाँ की एक-एक मुक्ति तीन माह तक रोज पढ़ें. इससे आपकी नेगेटिव एनर्जी कम होगी और पॉजिटिव एनर्जी बहुत तेजी से बढेगी.
23. मेरी स्वस्थ रहे, स्वस्थ करें, मुक्तियाँ और अन्य कई पुस्तकों को मेरे Samadhan समाधान ग्रुप से निशुल्क डाउन लोड करें. आप चाहे तो अपना email address मेरे मेसेज बाक्स में दे दे, तो मैं आपको डायरेक्ट मेल कर दूंगा.
24. होम्योकाम्ब और बायोकाम्ब नम्बर से मिलती हैं. इनके नम्बर ध्यान से लिखें. साथ ही होम्योकाम्ब और बायोकाम्ब में कन्फ्यूज न हों. इन्हें साफ़-साफ़ लिखें.
25. किसी भी गंभीर मरीज को किसी विशेषज्ञ डॉक्टर को तत्काल दिखायें.
26. होम्योपैथी की दवाइयों को मुंह साफ़ करके कुल्ला करके लेना चाहिए. इनको लेते समय किसी भी तरह की सुगन्धित चीजों और प्याज, लहसुन, काफी, हींग और मांसाहार आदि से बचे और दवा लेने के आधा घंटा पहले और बाद में कुछ न लें.
27. हर दिन नई एलोपथिक दवाइयां बन रही हैं और अधिकांश पुरानी दवाइयों के घातक और खतरनाक परिणामों के कारण इन्हें कुछ ही वर्षों में भारत को छोड़ कर विश्व के कई देशों में बेन भी किया जा रहा है.
28. हमें भी चाहिये कि हम मात्र एलोपथिक दवाइयों पर ही निर्भर न रहकर योगासन, सूर्य किरण भोजन, अमृत-जल या सूर्य किरण जल चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, बायोकेमिक दवाइयाँ आदि निर्दोष प्रणालियों को अपना कर खुद और अपने परिवार को सुरक्षित करें.
29. इस तरह दवा मुक्त विश्व का निर्माण करना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है और इसके लिए आप सभी का सहयोग चाहिये, जो आप मेरे इन सन्देशों को दूर-दूर तक फैला कर मुझे दे सकते हैं.
30. मेरी सभी स्वास्थ्य सम्बन्धी, लोक कल्याण, मानवाधिकार और आध्यात्मिक पोस्ट और पुस्तकों को देखने और उन्हें डाउनलोड करने के लिए आप मेरे ग्रुप “HEALTH CARE स्वस्थ रहो, स्वस्थ करो” और “Samadhan समाधान” से जुड़ सकते हैं और अपने दोस्तों को भी जोड़ सकते हैं।

किसी भी तरह की काउंसलिंग, परेशानी, लाचारी, बीमारी, पीड़ा या जिज्ञासा के उचित निवारण के लिए डॉ. स्वतंत्र जैन की सेवाएं लें।

 

Mobile. 07777870145, 07400970145
drswatantrajain@gmail.com
http://www.muktiya.com/contact-us/

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