केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री अनिल माधव दवे का दिल्ली के एम्स में निधन हो गया है। 60 साल के माधव की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। बताया जा रहा है कि वे लंबे समय से भारतीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हुए थे। पीएम मोदी ने उनकी मौत पर दुख जाहिर किया है और कहा कि ये व्यक्तिगत तौर पर नुकसान है।
अनिल माधव दवे जी को समर्पित जन सेवक के रूप में याद किया जाएगा। वह पर्यावरण के संरक्षण के प्रति बहुत ही भावुक थे।
बता दें कि दवे एक अच्छे पर्यावरणविद थे और इसीलिए उन्होंने नर्मदा नदी के लेकर मुहिम भी चलाई। भोपाल में अपने घर का नाम भी उन्होंने नदी का घर रखा है, जिसे लोगों के लिए एक संग्राहलय के रूप में खोला गया है। गौरतलब है कि अनिल माधव दवे अविवाहित थे और उन्हें चुनाव प्रबंधन में महारत हासिल थी। भाजपा संगठन को मजबूत करने में अनिल माधव दवे ने अहम भूमिका निभाई है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ”बड़े भाई, घनिष्ठ मित्र अनिल माधव दवे के असामयिक निधन से हैरान हूं। यह निजी क्षति है। दवेजी के रूप में देश ने एक सच्चा देशभक्त और मां नर्मदा का सपूत खो दिया है। इसकी भरपाई कभी नहीं हो सकेगी।”
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी दुख जाहिर किया। उन्होंने कहा, ”अनिल दवेजी के अचानक निधन से दुखी और हैरान हूं। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं, ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें।
बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ”मैंने दवेजी के साथ मिलकर मध्य प्रदेश में बीजेपी के लिए काम किया। वो बहुत अच्छे लेखक, चिंतक और पर्यावरण के जानकार थे। नर्मदा संरक्षण के लिए उन्होंने कई अहम काम किए। शरीर साथ नहीं देता था तो हेलिकॉप्टर से नर्मदा की परिक्रमा की। उनके निधन से देश ने एक बड़ा नेता खो दिया।”
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “दवेजी के निधन से मध्यप्रदेश ने एक श्रेष्ठ पर्यावरणविद और सुलझा हुआ राजनेता खो दिया| मेरी विनम्र श्रद्धाजंलि।