गंगा सप्तमी के इस शुभ अवसर पर माँ प्रभा किरण देश दुनिया को बताना चाहती हैं कि ये माँ गंगा ही है जो सबके मेल को धोती है साथ ही लोगों के जीवन का स्रोत भी बनती है।
वर्तमान में सम्पूर्ण भारत एक आपसी कलह, आपसी भेदभाव के वातावरण में घिर गया है। इस प्रकार का असंतोष कभी भी विस्फोट का रूप ले सकता है। इससे पुर्व ही हमें इस दिशा में जनजागरण व देश प्रेम की भावना को सर्वोपरि मानकर लोगों के ह्रदय को परिवर्तित करना करना होगा।
इसी विषय को लेकर माँ प्रभा किरण व शक्तिपुंज दोनों मिलकर एक अभियान चला रहे हैं। जिसमें बहुत सारे लोग इनके साथ जुड़ रहे हैं और माँ प्रभा किरण के इस अभियान का हिस्सा बन रहे हैं।
माँ प्रभा किरण जीवन दायनी माँ गंगा के लिए भी बहुत सारे कार्य कर रही हैं वे गंगा बचाओ अभियान से भी जुड़ी हैं और लोगों को गंगा के बारे में जाग्रत करने में जुटी हुई हैं। माँ प्रभा किरण का काफिला इन सबको लेकर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है और ये सफलता की और अग्रसर हैं।
माँ गंगा की हालत आजके वक़्त में किसी से छिपी नहीं है, कई सालों से माँ गंगा अपने अस्तित्व को रो रही है, खूब लंबी चौड़ी विशाल गंगा कहीं कहीं नाले में तब्दील होती जा रही है जिसकी वजह से गंगा के आसपास रहने वाले लोग दूषित जल पीने को मजबूर हैं और करोडो लोगों के ऊपर विस्थापन का डर मंडराने लगा है। एक वक़्त था जब ना तो नलकूप थे और ना ही कोई ऐसा साधन जिससे की लोग अपनी प्यास बुझा सकें तब माँ गंगा ने ही लोगों के जीवन को संवारा लोगों ने गंगा के आसपास अपने आशियाने बसा लिए और माँ गंगा ने भी उनको कभी निराश नहीं किया, लेकिन आज माँ गंगा अपने अस्तित्व को रो रही हैं और हम लोग सिवाय संवेदना के कुछ कर नहीं सकते हैं। संवेदना व्यक्त करके तो काम नहीं किये जा सकते हैं। माँ गंगा के लिए धरातल पर आकर कार्य करने होंगे और माँ गंगा को विलुप्ति के कगार से बचाना होगा क्योंकि वो दिन दूर नहीं जब माँ गंगा असंतोष से भर जाएँगी और इस धरती को हमेशा हमेशा के लिए छोड़ देव लोक को चली जाएँगी और इन सबका कारण होंगे हम और हमारी वो संकुचित सोच जिसकी वजह से हमने सिर्फ गंगा का इस्तेमाल किया। किया कुछ नहीं।
और उस दिन भारत ही नहीं बल्कि दुनिया अंत के समीप जा जायेंगे।
**
माँ प्रभा किरण